Monday, 4 April 2011

मेरा पंसदीदा भारतीय त्यौहार

मेरा पंसदीदा भारतीय त्यौहार दिवाली है। दिवाली एक पांच दिन का त्यौहार है। यह हिन्दू के लिए एक बहुत महत्बपूर्ण त्यौहार है। दीवाली की अर्थ दीया है। हिन्दू, सिख, और जैन दिवाली मनाते हैं। दिवाली बहुत रोशनी है। दिवाली के दौरान में लोग नए कपड़े पहनते हैं। वे मिठाई हिस्सा देते हैं। भरात में दिवाली एक रास्ट्रीय छुट्टी है। दिवाली एक रोशनी का छुट्टी है। भारत में रोशनी का अर्थ बुराई पर अच्छाई है। दीवाली नया चाँद पर शुरू होती है। वह अश्विन में शुरू करता है और वह कार्तिक में ख़त्म करता है। बंगाल में एक दिन कलि पूजो है. देवी कलि पूजा किया जा रहा है। बच्चे आतिशबाजी प्रकाश करते है। मेरा परिवार दिवाली नहीं मनाते हैं और हम किस्सी भी भारतीय त्यौहार नहीं मनाते हैं, लेकिन जब मैं भारत जाती हूँ, तब दिवाली सबसे मजेदार उत्सव है।

एक साल, मैं दिवाली से पहले दिन भारत को उड़ रही थी। मैं दिबाली की रात को दिल्ली हवाई अड्डे में उतरा। हवाई आददे बहुत अराजक था। जब मैं बाहर चली गई तब मैं कुछ भी नहीं देख सकी! आकाश धूम्र भर गया था। वहां बहुत शोर था! यह २ बजे था लेकिन कोइ नहीं सो रहा था! हर कोइ मना रहे थे! २०० आकाश में खूब प्रकाश था और आकाश में बहुत आतिशबाजी थे! जब तक हम मेरा नाना- नानी का घर चले, तब तक यह बहुत त्रफ्फिक था। हर जगह लोग चिल्ला रहे थे। मैं बहुत ज्यादा शूर नहीं सूनी हूँ! यह बहुत रोमांचक था। मेरे नाना-नानी के घार में कई दीये थे। घर के बाहर बहुत शोर था। मैं बहुत थका थी ताकि मैं सो गई, लेकिन दीवाली सवसे रोमांचक उत्सव था!

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