Tuesday 20 March 2012

Wedding Customs

आठ या नौ साल पहले, मैं, मेरी बड़ी बहन, और मेरे पिता जी एक शादी के लिए भारत गए थे । क्यूँ कि तब मैं बहुत चोट्टी थी, मुझको सिर्फ थोडा कुछ याद है । मुझे यह मालूम है कि भारतीय शादियाँ बहुत मजेदार होते है और शादी धूम धाम से मन जाती है । मैं हर दिन एक नया साड़ी या सलवार कमीज़ पहन रही थी । मैं बहुत नाची और बहुत खाना खायी, और मुझे याद है कि हर रात मैं बहुत थक जाती थी । मेरा पूरा परिवार एक घर में था । 
पिछले साल मेरा चचेरा भाई की शादी थी, लेकिन इस बार शादी अमरीका में थी । क्यूँ कि मैं अब बड़ी हूँ, में शादी का खाना और नाचने के साथ शादी की संस्कृत और रियाज़ को ध्यान राखी ।
मेरा भाई का शादी बहुत बड़ा था । शादी के दो दिन पहले सब लड़कियां ने मेहँदी लगायी । मेरी बहन ने दुल्हन की मेहँदी कि । चार या पाच घंटे बाद मेरी बहन ने मेहँदी की अंत कि, और दोनों हाथ आगे और पीछे कोहनी तक महेंदी लगा था । जब दुल्हन सुबह उठी, तब उस ने मेहँदी निकली और एक सुन्दर लाल रंग उसके हाथ पर रह गयी । शादी के दिन पर हल्दी थी । इस रियाज़ में दूल्हा और दुल्हन के परिवार दूल्हा और दुल्हन पर हल्दी लगते है । मैं भी अपने चचेरा भाई को गाल पर हल्दी लगायी । 
शादी एक बहुत खुबसूरत मंडप में हुई । दूल्हा और दुल्हन ने सात फेरे कि । साथ फेरे में पंडित शादी का अर्थ बताता है । दूल्हा दुल्हन के सिर पर सिन्दूर लगता है । जब लड़की का सिर पर सिन्दूर होती है, लोग को मालुम पड़ जाता है कि लड़की की शादी हो गयी है । शादी के बाद खाना और नाच था । मैं अपनी बहन के साथ दूल्हा और दुल्हन के लिए एक नाच तैयार की । मुझ को मालूम है कि अमरीका में एक भारतीय शादी मानना थोडा मुश्किल है, लेकिन मेरा परिवार ने पूरा कोशिश कि कि यह शादी ऐसा मन जाये जैसे भारत में मन जाती है । 

No comments:

Post a Comment