पांच साल पहले मैं परिवार के साथ भारत गया. मैं सत्रह साल था. हम भारत गया था क्यों की हमारे रिश्तेदारों शादी करते थे. तो मैं मेरी पहले शादी गया. मैं बहुत थोडा सा छोटा था लेकिन मुझे याद है की इस शादी बहुत रंगीन था और सारा लोग बहुत रंगीन थे हाल दीवार पर दूल्हा और दुल्हन का नाम फूल के साथ लिखे थे. हाल बहुत बड़ा था क्यों की भारतीय का शादी बहुत बड़ा प्रसंग है. तो सारा रिश्तेदारे और दोस्ते शादी को जाएंगे. हाल में कम से कम दो सौ कुर्सियां था और एक स्टेच था स्टेच पर एक पंडित और एक छोटा आग था जब सारा लोग बैठ गए दूल्हा और माता-पिता जी के साथ स्टेच चले गए. अब दूल्हा दूल्हन इंतज़ार कर रहे था. अगला मामा जी दूल्हन ला गया. दूल्हा बहुत खुश देख गया. फिर वह दोनों ने फूल विनिमय कर लिया. स्टेच पर पंडित जी, दूल्हा, दुल्हन, और उसके माता-पिता बैठ गए. पंडित जी ने थोडा प्रार्थना कहा और तुरंत दूल्हा और दुल्हन खड़ा गया. अब वह दोनों सात बार आग के आस पास चला गये. हर बार दूल्हा और दुल्हन ने एक व्रत कहे. मुझे याद है की मैं बहुत भूक लगी थी. तो उसके समय के बाद लंच तैयार थे. मैं और मेरा परिवार फर्श पर बैठे गये. एक केले के पत्ते मेरे सामने था और मैं ने यह पत्ते साफ़ कर लिया. प्रत्येक नौकर नई-नई कहना दे दिया. सारा खाना बहुत ताज़ा था और मैं बहुत खुश हुआ. शादी के बाद मैं सोचता था की भारतीय शादी बहुत सुन्दर है.
Sunday, 18 March 2012
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