Monday, 19 March 2012

Mehendi

मेहँदी एक पारंपरिक और रोमांचक पूर्व शादी की रसम है। भारत में, अनुष्ठानो पर बहुत जोर दिया जाता है। मेहँदी की रसम बहुत सालो से मनाया जा रहा है। मेहँदी शादी के पहले मनाया जाता है। दुल्हन इस रसम के बाद घर के बहार नहीं जा सकती है।यह रसम दुल्हन के माँ- बाप महते है। इस रसम में सब दोस्त, रिश्तेदार, और परिवार लोगों को बुलाया जाता हैं। इस रसम में, दुल्हन के चेहेरे, पैर, और हाथ पर हल्दी लगाया जाता है। उसके बाद मेहँदी लगाया जाता है। मेहँदी लगाने के लिए मेहँदी लगाने वालों को बुलाया जाता है। मेहँदी दुल्हन के हाथ और पैर में लगाया जाता है। मेहँदी के बहुत से डिजेंस है, जैसे अरबिक मेहँदी, राजस्थानी मेहँदी, क्र्यस्तल मेहँदी, टट्टू मेहँदी वगेहरा ।
मेहँदी दुल्हन के लिए बहुत ज़रूरी है। कहा जाता है की मेहँदी का रंग जितना काला होता है, उतना दूल्हा दुल्हन से प्यार करता है। यह परंपरा है की, जब तक दुल्हन के हाथ में मेहँदी नहीं जाती, तब तक दुल्हन पति के घर में काम नहीं कर सकती। यह रसम औरतों के लिए है और इस रसम में गाना बजाना भी होता है।
मेहँदी की रसम हर जगह में अलग तरह से मनाया जाता है। मेहँदी रिश्ते में प्यार का प्रतीक है। दुल्हन के हाथ में उसके पति का नाम मेहँदी से लिखा जाता है और पति को अपना नाम दुल्हन के हाथों में दूंड़ना पड़ता है। इस रसम में सब रिश्तेदार और दोस्त मिलकर बहुत मज़ा करते है और सब गाते और नाचते भी है।

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