Thursday, 15 March 2012
चुरा पहने का रस्म
एक रसं होता है भारत में, की जब लड़की की शादी होती है वह चुरा पहनती है, पर जब लड़की की शादी नहीं हुई है, तो वह चुरा नहीं, पर चुरी पहन सकती है जब मैं इस बार भारत गयी थी, मैं अपनी नानी जी के सात अमृतसर गयी थी जब मैं बाज़ार में थी, मैं किसी लड़की को देखि जिसने पहन राखी थी दो बारे जूरेवे चूरियां, जिसको अब मुझे पता है की चुरा बोलते हैं मैं कभी यह नहीं देखि थी, क्या इसको पहना और काम करना मुश्किल नहीं होता है? जब मैं अपनी नानी जी से पूछे की यह लड़की क्यों पहन राखी थी यह चुरे, वेह मुझे समझाई की उसकी नयी-नयी शादी हुई है और कुछ और यह एक रसम है जिसमे दुल्हन पहनती है यह चूरे शादी करते वक़्त और नहीं उतर सकती जब तक वह अपनी ससुराल की घर जाती है ऐसी बहुत साड़ी रस्मों है भारतीय शादी में, जैसे की जब दुल्हन और दूल्हा मेल एक दुसरे में पहनते है यह रस्म को "जयमाला" बुलाया जाता है, और इसका मतलब होता है की दोनों दुल्हन और दूल्हा अपनाते है की एक दुसरे उनके पति या पति हैं कुछ बार दूल्हा दुल्हन को चेहर्ता है और दुल्हन को मुश्किलों देता है पहनाने वक़्त, पर अंत में दूल्हा भी माला पहनता है यह रस्मों और बहुत और मेरे विचार में भर्तियाँ शादी दुसरे शादी से बेह्टर और ज़्यादा मज़ा बनाते हैं
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