मेरे मनपसंद भारतीय लोक नाच का नाम भंगरा है वह नाच यह सिर्फ नाच मुझ को मालूम है यह नाच एक "सलेब्रतिओं"का यह फसल है यह नाच भी एक सलेब्रतिओं का बैसाखी फेस्टिवल है यह बैसाखी फेस्टिवल में भंगरा या पहले नाच है जो संघीत भंगरा में लोगों गाता है वह संघित दो भागों में गाता है और दो संघितों का नाम बोलिस है वह स्टेपस ब्लोइस में लोगों कुछ कदम करता है ये कदम ये बोलिस के साथ करता है जब यह नाच शुरू करता है तब १४ या १५ का सन्तुरी में है. किसने इस नाच नाचता है क्यों की वे हार्वेस्ट के लिए इंतज़ार करता था भंगरा कहानी पुनजब की इतिहास के बारे में कहता है भंगरा की शब्द प्यार या रिश्ता या शराब के बारे में गाता है यह संघित भी पंजाबी की स्वतंत्रता की हेरोस के बारे में नाचता हैं एक हीरो का नाम भगत सिंह है भंगरा में लोगों कोस्तुमे पहनता हैं आदमी एक लम्बा चादर या सिल्क क्लोथ फंता हैं और आदमी एक लम्बा शर्ट पहनता है उस शर्ट का नाम कुरता है औरत एक लम्बा स्किर्ट पहनता है इस स्किर्ट का नाम घगरा है औरत भी रंग-रंगित दुपतास पहनता है
Monday 26 March 2012
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