मैं सात साल की थी जब मैंने अपनी पहली शादी में गयी थी. मेरी बुआ की शादी थी और मैं और मेरी पूरी परिवार ने भारत गए थे उनकी शादी के लिए. उनकी शादी में मैंने बोहुत सीखी शादी और शादी के रस्मे के बारे में. उनकी शादी में बोहुत रस्मे थे. पहले सगाई के समारोह थे. वोह अमरीका में हुई और उस रस्मे में मेरी परिवार ने एक बोहुत शानदार उत्सव मानी एक बाग़ में. फिर हम सबने भारत गए शादी के लिए. वहां सब कपडे और आभूषण खरीदने के बाद हमने शादी की दुसरे रस्मे की, हल्दी. हल्दी में मेरी बुआ ने पूरी तरह उनकी हाथों, पैरों, और चेर्हरा को मेहँदी से कवल की. लड़कियाँ हल्दी करते है क्योंकि लोग कहते है के हल्दी अप्पके शारीर को गोरा करता है. भारत में लड़कियां गोरा दिखाना चाहता है इस लिए वोह शादी के लिए हल्दी करते है. हल्दी के बाद मेरी बुआ ने मेहँदी की. मेहँदी में उनकी हाथों और पैरों पर मेहँदी लगाती है खूबसूरत डिजाइन में. मैंने भी मेहँदी की और मुझे बोहुत पसंद थी. मेरी माँ, मेरी चची ने, और सब लड़कियां ने मेहँदी की और फिर हमने पूरा दिन हमारी मेहँदी को दिखावा करते थे. मेरी और मेरी बुआ के मेहँदी के लिए एक पेशेवर मेहँदी वाली ईई थी लेकिन मेरी माँ और चची के लिए मेरी दादी ने की थी. उसके बाद फिर शादी हुआ और मुझे शादी में भी बोहुत मज़ा आया और में एक और शादी में जाना चाहती हूँ.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment