राम और अल्ली
एक एल्लिगेटर थी, जिस का नाम अल्ली था. अल्ली नदी में रहती थी. राम उस को बहुत टंग करता था क्यों की उस की नाक बहुत लम्बी थी. अल्ली कुछ नहीं कर पाती थी क्यों की उस को पानी के उंदर रहना परता था. एक दिन राम नदी के किनारे जाकर, अल्ली के तरफ केला फेक रहा था. बेचारी अल्ली पानी के उंदर चली गयी. राम चीकने लगा "बड़ी नाक! बड़ी बाक!" और अल्ली रोने लगी. अचानक राम ने एक बहुत बड़ी केला की केक देखा. यह केक नदी के दुसरे साइड पर थी. आराम टूटा था और राम नहीं तैर पाता. अल्ली ने देखा की राम को वह केक चाहिए था. अल्ली ने राम से बोला की वह अपनी पीट पर आ सकता है और वह उस को केक के तरफ ले सकती है. राम को यह समझ में नहीं आया. अल्ली उस को क्यों भला दिका रही थी? जब राम को केक मिला, उस ने अल्ली को दे दिया था. उस के बाद, अल्ली और राम दोस्त बन गए थे, और हमेशा साथ साथ रहे.
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