भारतीय शादियों बहुत मज़े हैं. भारतीय शादी में सात फेरे बहुत महत्वपूर्ण हैं. सात फेरे में दोनों पति और पत्नी को आग के चारों साथ फेरे लेते हैं. ये सात फेरे शादी को अनन्त बनाते हैं. पहले फेरा में दोनों पति और पत्नी वादा करते हैं की वे एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन प्राप्त होगा. दूसरा फेरा में वे भगवान से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक शांति मांगते हैं. तीसरा फेरा में वे धन के लिए पूछते हैं. चौथा फेरा में वे वादे करते हैं की वे एक दुसरे के लिए और अपने संबंधित परिवारों को प्यार और सम्मान देंगे. पांचवां फेरा पति और पत्नी के सुंदर बच्चे के लिए हैं. छठा फेरा में वे वादा करते हैं की वे एक शांतिपूर्ण जीवन जीने की इच्छा करेंगे और उनके वैवाहिक संबंध की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करेंगे. पिछले सातवें व्रत में वे वादा करते हैं की वे हमेशा एक दुसरे के साथ रहेंगे. इन सात फेरे के बिने एक भारतीय शादी नहीं हो सकता है. सात फेरे के बाद कन्यादान होता है. कन्यादान एक बहुत ही पवित्र अनुष्ठान है. इस अनुष्ठान में दुल्हन के पिता जी दूल्हे के दाहिने हाथ में अपनी बेटी के दाहिने हाथ डालता है और दुल्हन की माँ दुल्हन और दुल्हे के हाथों पर पानी बहती है. इस रस्म में दुल्हन के परिवार के लिए बहुत भावुक है. शादी में दुल्हे दुल्हन की गर्दन पर एक मंगलसूत्र डालता है. जब दुल्हे मंगुल्सुत्र डालता है वह अपनी पत्नी को वादा करता है की वह हमेशा दुल्हन को प्यार करेगा. पत्नी यह पहनता है जब तक उसका पति मर जाता है.
Sunday, 18 March 2012
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