Wednesday, 28 March 2012
होमवर्क उन्नीस
Monday, 26 March 2012
my favorite dance
Thursday, 22 March 2012
मेरा मन पसंद भारत्या लोक नाच
आज हम हिन्दू की शादियो के बारे में बात करेंगे.
वहाँ एक हिन्दू की शादी में तेरह पूजा हैं.
जाता है, चीजें से वैदिक दिनों हैं.
उसके अनुसार हिन्दू की शादी संस्कृत भाषा में हैं.
पहले शादी से अंगूठी की रस्म है.
इस रस्म में एक शपथ दिया जाती हैं.
शपथ दोनों कहा और लिखा है.
इस रस्म के बाद मेहंदी है.
मेहंदी में दुल्हन के हाथों में मेंहदी में पेंट करता हैं.
अगला संगीत रस्म हैं.
संगीत उसका नाम के तरह है.
गाने में दुल्हन के आसपास गीत हैं.
वारा सत्कारह में दूल्हा दुल्हन का घर से आता है.
उसे दुल्हन की माँ का स्वागत करता है.
अगला, मधुपर्क सरेमोनी हैं.
एस रस्म में दूल्हा, दुल्हन के पिता से उपहार दिया जाता है.
कन्या दान रस्म में उसके पिता ने दुल्हन दूल्हे को दिया जाता है.
अगला विवाह होमा आग रस्म है. तब पानी ग्रहण हैं.
यहाँ दूल्हा अपनी पत्नी के लिए दुल्हन लेती है.
उसके अनुसार आग के आसपास दूल्हे और दुल्हन की पैदल है.
शिला आरोहन में मां बेटी को सलाह देता है.
होमह लजा में दूल्हे और दुल्हन आग में चावल दे जबकि वह
अपनी हथेलियों उसके ऊपर रहती है.
परिक्रमा दुल्हन और दूल्हे में आग आसपास की सात बार पैदल हैं.
जब दूल्हे और दुल्हन अपने कपड़े के साथ टाई यह सप्तपदी कहा जाता है.
पानी देने और ध्यान अभिषेक में होता है
अन्ना प्राशन में जोड़े आग और एक दूसरे का खाना देना.
जब बड़ों के आशीर्वाद दे...तो आशीर्वाद की रस्म हो रहा है. इन तेरह एक
शादी के चरणों में हैं.
Wednesday, 21 March 2012
haldi ki rasam
इस रसम में बहुत नाच-गाना भी होता है-- घर की औरतें मिलकर ढोलक बजाके गाने गाती हैं. हल्दी की पेस्ट लगाने के बाद दुल्हन और दुल्हे को निलया जाता हैं और वे बहुत अच्छे दिखते हैं!
Tuesday, 20 March 2012
Wedding Customs
Monday, 19 March 2012
HW 14: Shaadi
यह परंपरा मशहूर हो गया जब फिल्म "हम आपके हैं कौन" बना है. इस फिल्म में एक गाना है "जूते दे दो, पैसे ले लो." यह गाना बहुत लोक है और लोग उनके शादी पर इस गाना बजाते हैं.
हमने इस खेल खेला मेरी चचेरी बहन की शादी में. जब से उसकी (अब) पति मंडप पर गया, तब से मैं ने जूते चुराया. दुल्हे के रिश्तेदार हार गया तो मेरा नया जीजा मुझे और दूसरी कजिन्स को पैसे दिया. पहले उसने जाली पैसे की इस्तिमाल कोशिश किया लेकिन अंत में उसने असली पैसे दिए. इस खेल में बहुत मज़ा है!
शादी
शादी के पहले, सगाई होती है. शादी में अलग अलग लोग अलग तरह से अनुष्ठान कर सकते है. ज्यादातर लोगों सात फेरे करते है. मंडप पर एक आग है, जहा पंडितजी शादी के पूजा करवाते है. सात फेरे में दूल्हा और दुल्हन साथ साथ सात बार चक्कर लगाते हैं. रिश्तेदार और मेहमान इस समय फूल बरसाते हैं. हर चक्कर एक वडा है जो दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे के लिया बनाते हैं.
बारात में दूल्हा दुल्हन के घर घोड़े पर आता हैं. संगीत बजती है और दूल्हा के रिश्तेदार सब नाचते है. कभी कभी लोग जो शादी में नहीं है, वोह भी बारात में नाचते है. बारात में बहुत मज़ा आता है क्यों की बहुत शोर मचती है.
जब दूल्हा मंडप पर पहुँचता है उस को अपने जूते निकालने परते हैं. इसी समय दुल्हन के रिश्तेदार जूते चुराते है और फिर वे जूते छुपाते भी है. शादी के बाद लड़के वाले जूते का खोज करते है. अगर जूते नहीं मिलते है, तो वह जूते के लिया लडकी वाली को पैसा देने पड़ते हैं. इसमें लोगो को बहुत मज़ा आता है, खास्टर बच्चे को.
दुल्हन शादी के पहले मेहँदी हाथो पर लगाती है. लड़के वाले मेहंदी वाले को लडकी के घर भेजते है. शादी में दुल्हन बहुत सजती है और शादी के बाद दूल्हा दुल्हन को मंगल सूत्र पहनाता है और सिन्दूर माथे पर लगाता है. दोनों एक दूसरे को माला भी पहनाते हैं.
भारत में शादिय बहुत मज़दार और खुबसूरत होते हैं.
भारतीय शादी- Ganman Singh
Shaadi
हिन्दू की शादी भारत में - Lauren Harper
सोलह श्रृंगार एक और बहुत महत्वपूर्ण रिवाज हिन्दू शादी में है. पहले, औरतें पत्नी का बाल धोते हैं, बाल पर तेल लगते हैं, और बाल में सुंदर गहने और फूल व्यवस्था करते हैं. अगला पत्नी का शारीर पर हल्दी लगता है. उसका माथा पर मान्ग्तीका और बिंदी लगते हैं. उसकी आँख काजल के साथ प्रकाश डालते हैं. अब आभूषण के लिए: एक हार, नाथ, कर्ण फूल, बाजूबंद, चूड़ियाँ, कमरबंद, पायल, और बिचुअस पहने जाते हैं. अंत में पत्नी लाल दुल्हन की पोशाक पहनती है और उसका माथा पर सिंदूर लगता है.
Mehendi
मेहँदी दुल्हन के लिए बहुत ज़रूरी है। कहा जाता है की मेहँदी का रंग जितना काला होता है, उतना दूल्हा दुल्हन से प्यार करता है। यह परंपरा है की, जब तक दुल्हन के हाथ में मेहँदी नहीं जाती, तब तक दुल्हन पति के घर में काम नहीं कर सकती। यह रसम औरतों के लिए है और इस रसम में गाना बजाना भी होता है।
मेहँदी की रसम हर जगह में अलग तरह से मनाया जाता है। मेहँदी रिश्ते में प्यार का प्रतीक है। दुल्हन के हाथ में उसके पति का नाम मेहँदी से लिखा जाता है और पति को अपना नाम दुल्हन के हाथों में दूंड़ना पड़ता है। इस रसम में सब रिश्तेदार और दोस्त मिलकर बहुत मज़ा करते है और सब गाते और नाचते भी है।
Indian Weddings
Sunday, 18 March 2012
indian weddings-garrett
भारतीय शादी
भारतीय शादी
हल्दी की रसाम
शादी - रीना जोशी
Mehndi Rasam
hindu wedding
Saat Phere
दुल्हे के जूते
हल्दी
लेकिन हल्दी क्यों लगते हैं? इसीलिए लगते हैं क्योंकि हल्दी अधीरता दुल्हे से उतरता है और और जो शादी करने वाले हैं, उनको आशीवार्द मिलती है की वे अच्छे तरह से रहे. दुल्हन के चेर्हा के ऊपर भी लगता है ताकि त्क्चा चमकना लगता है. दुल्हन की हाथो पर हल्दी नहीं लगती है क्योंकि वहां मेहँदी लगती है. जब हल्दी सुख जाता है, फिर दुल्हान और दुल्हे अलग अलग नहासकते है और दोनों का तक्चा शादी के दिन के लिए अच्छे से चमकेगा. इस समारोह पर लोग बहुत मज़ा करते हैं क्योंकि पूरा परिवार साथ में हैं.
सात फेरे
सात फेरों की रस्म हिंदू शादी की सबसे महत्वपूर्ण रस्म है. सात फेरों में दूल्हा और दुल्हन सात कसमें लेतें हें जब वह पवित्र अग्नि के द्वारा चक्कर मरते हैं. हर फेरा का कोई अर्थ होता है. हर फेरे के साथ वे अपने साथी के साथ एक वादा बनाते हैं. पहले फेरा में दूल्हे और दुल्हन प्रतिज्ञा करते हैं की वे एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन प्राप्त करे. दूसरे फेरा में, वे भगवान से निरामय मानसिक, भौतिक और आत्मिक स्वास्थ्य की प्राथना करते हैं. तीसरे फेरा के दौरान दूल्हा और दुल्हन व्रत करते हैं की वे धन प्राप्त करेंगे और यह उचित साधनों के माध्यम से किया जायेगा. चौथे फेरा में वे व्रत लेते हैं की वे एक दूसरे से बहुत प्यार और सम्मान देंगे. यह प्यार और सम्मान अपने आप के लिए ही नहीं पर अपने परिवारों के लिए भी हैं. पांचवे फेरा में दूल्हा और दुल्हन सुंदर बच्चों की प्राथना करते हैं, जिनके लिए वे जिम्मेदार होंगे. छठे फेरा में वे एक शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए और उनके वैवाहिक संबंध की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करने का वादा करते हैं. और अंत में सातवें फेरे में दुल्हे और दुल्हन एकजुटता, साहचर्य, प्रतिबद्धता और खुद के बीच समझ का वादा करते हैं. हिंदू शादी में, यह प्रथागत है की दुल्हा और दुल्हन पवित्र अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं और भगवान की उपस्थिति में वादे करते हैं. विवाह में सात दौर किये जाते हैं, क्यूंकि सात नंबर का महत्व है.
Hindu Wedding Ceremonies
एक बात कि मुझे रोचक लगती है फूल का बिस्तर है. इस रसम में, दुल्हन बहुत फूल के गहने पहनती है. दुल्हन और दूल्हे का बिस्तर बहुत फूल से दूल्हे के माता पिता से सजा है.
एक और समारोह दुल्हन को एक पर्स पैसे से भरा देना है. दुल्हन दूल्हे से पर्स लेती है. इस रिवाज का अर्थ है कि दूल्हा दुल्हन पर सब अपना भरोसा रखता है.
भारत में, बहुत से हिन्दू के बिक में, दुहां को बहुत मेहँदी लग जाती है. दुल्हन के हाथों पर सुन्दर डिजाइन मेहँदी से लग जाते हैं और अपने पैर पर अलता, कोई लाल रंग, लग जाता है. दुल्हन कि आँखों पर काजल लग जाता है और अपने माथे पर छोटी लाल बिंदी लग जाती है. आम तौर पर दुल्हन बालियाँ पहनती है और अपने नाक पर एक नाथ रख जाती है. दुल्हन कभी हरे कपड़े पहनती है पर आम तौर पर वह लाल कपड़े पहनती. इसी तरीके में हिन्दू विवाह अमेरिकी की सामान्य सफ़ेद पोशाक से बहुत अलग लगती है.
शादी की रस्में
बरात
भारतीय शादी
भारतीय शादियों स्थानीय, धार्मिक, और परिवार की परंपराओं का एक संयोजन कर रहे हैं. वे भी जाति, धर्म, और भाषा के आधार पर कर रहे हैं. पारंपरिक भारतीय शादी को तीन भागों में किया है. यह पूर्व शादी समारोह, शादी के दिन समारोह, और विदाई शामिल हैं. एक व्यवस्था की शादी में दूल्हे के परिवार के कई दुल्हन के परिवारों कीयात्रा से पहले वे दुल्हन का चयन करेंगे. बारात के लिए तैयारी बहुत भव्य है.वे आम तौर पर बड़े होटल और हॉल मेंजगह ले लो. बलि आग के लिए जगह भी सेट करने से पहले शादी होता है.
दुल्हन एक फैंसी दुल्हन साड़ी या लहंगे पहनता है.वह भी हीरे और सोने के गहने पहनता है.मेहंदी उसके हाथ और पैर करने के लिए लागू किया जाता है.दूल्हे आमतौर पर एक शेरवानी या औपचारिक सूट पहनता है. शादी पूरा करने के लिए, दूल्हे और दुल्हन विनिमय कसमें और हलकों मेंचाल बलि आग के चारों. अंत में, विदाई है जब दुल्हन दूल्हे के जीने के घर के लिए भेजा जाता है.