Wednesday, 2 February 2011

मेरा मनपसंद भारतीय लोक नाच

मेरा मनपसंद भारतीय लोक नाच बिलकुल कथक है| जब मैं जैयपुर में थी तो मैं कथक नाचने वाले परिवार के साथ रहती थी| मैंने पहला दिन होस्पटल से घर पहुंचकर बैठक में कुछ छोटी लड़कियों की कथक की क्लास देखी| आने से पहले मैं बहुत बीमार थी और तभी मुझे कुछ थकी लग रहा था लेकिन मैं अपने ऊपर वाला कमरा जा नहीं सकती क्योंकि मुझे लड़कियों का नाच देखना चाहिए था| उस घर में रहने से पहले मुझे कथक के बारे में कुछ नहीं जानती थी तो मुझको सभी नया लगता था| मुझे जानता चाहती थी कि 'बैल्ज़' उनके टखने पर क्या थे लेकिन तभी मुझे नहीं मालूम कि लड़कियां से हिंदी में सवाल कैसा पूछता है|

जब मैं उस घर में रहती थी तो मैं मेरी सीमा दीदी के साथ कुछ नाच का पढ़ा किया| मेरी इच्छा थी कि मैं कुछ और सीखूं लेकिन अफ़सोस मैं हमेशा बहुत व्यस्त थी| मुझे अपनी बहनें के लिए नाच बहुत आसन लगता था लेकिन जब मैंने नाच की कोशिश करके मैंने देखा कि काफी मुश्किल है| कितने मुद्रा मुझे याद करना था और नाचने मधुर से उसी तरह आसन बिलकुल नहीं था|

कथक नाचने वाले रहने के कारण मैंने कुछ कथक के तमाशे बिलकुल देखे| मैंने अपनी बहनें और मेरी माता जी के नाच के प्रदर्शन देखे| मुझे एक अमुक तमाशा याद है| एक आदमी तमाशे में बहुत तेज़ से नाच रहा था| आदमी की लय कमल थी| मुझे नहीं समझ आया कि कैसा कोई उसी तरह नाच सकता है| वह बहुत सारे तमाशे के लिए तबला के साथ बहुत तेज़ नाच रहा था| मैं कुछ और कथक देखना चाहती हूँ लेकिन मुझे नहीं मालूम कि अमरीका में कहाँ देख सकती हूँ

No comments:

Post a Comment