मेरा मन पसंद नाच भंगरा है. जब मैं छोटा था तब मैं मेरे दोस्त के साथ एक मशहूर भंगरा मुकाबला देकने के लिए जाता था. वहा भारत के सबसे कुशल और प्रसिद्द नाचनेवाले आते थे. जब मैं छे साल का था, तब मैं मेरे भाई और मेरे दोस्त मुकाबले के लिए गए. मैं बहुत छोटा था, परन्तु मुझे भंगरा इतना अच्छा लगा कि मैं इस उनुभव को याद करता हूँ. भंगरा के नाच पुनजब के किसानों ने शुरू किये क्योकि उनको अच्छे फसल के उत्सव करने चाहते थे. लोग कहते हैं कि भंगरा कि नाच खेती करने के जैसे है. कई तरह के भंगरा हैं, जैसे झुमार, लद्दी, गिद्धा, जुल्ली, दान्करा, धमाल, सामी, किकली, और गतका. झूमर प्रथम संदाल्बर, पंजाब से हैं. यह बहुत सुन्दर नाच है.इस नाच में नाचने वाले ढंढोरची के गोल करते और फिर नाचते हैं. लूद्दी भी बहुत सुन्दर नाच है. इस नाच में नाचने वाला एक हाथ उनके सर के आगे रखते है, और एक हाथ सर के पीछे. सब करते हुए, वह सर और हाथ को लहराता हैं. धुमार के जैसे, लूद्दी नर्तकी ढोल बजने वाले के गोल नाचते है.
लडकियों गिद्ध नाच करते हैं. यह नाच सुन्दर है पर मामूली भी है. यह नाच तालियाँ और ढोल के साथ होती है.
धन्कारा उत्सव करने का भंगरा है. इस नाच शादियों पर होती है. मेरे दोस्त के शादी पर कई नर्तकी धनकार भंगरा किये. बहुत मजा आया.
नर्तकी बहुत अच्छे कपडे पहनते है. आदमी चादरा पहनते है, और कुरता भी पहनते है. वे उनके सर पर पगड़ी भी पहनते है. औरते सलवार खामीज़ पहनते है. वे चुन्नियाँ भी पहनते है.
भंगरा बहुत मजेदार और सुन्दर नाच है. मुझे भंगरा देखकर बहुत मजा आता है.
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