भारत में बहुत सारे तरह की नाच है। सारे नाचे बहुत सुन्दर है लेकिन बहुत मुश्किल है। मेरे परिवार में बहुत सारे नाचने वाले लोग है। मेरी मौसी की जवानी में वह बहुत सारे प्रतियोगिताओं जीती। उसने सात साल के लिए कत्थक सीकी। उसने फ़िल्मी नाच भी किया लेकिन कत्थक उसका मनपसंद नाच था। मेरी दीदी भी नाचती है। वह मेरी मौसी से ज्यादा नाचती है। वह कत्थक, भंगरा, रास, और बॉलीवुड के स्टाइल में नाचने आती है। जब मेरी दीदी, शर्मीला, पाच साल के थी, उसने कत्थक सीखना शुरू किया। क्योंकि मैं बहुत छोटा था, और उसकी कत्थक शिक्षक बहुत दूर रहेती थी, मैं हमेशा मेरी दीदी के साथ प्रक्टिस जाता था। मेरी दीदी के सारे प्रदर्शन में मैं पहेला रो में बेटा है। जब हम दोनों छोटे थे, हम एक दुसरे के साथ हिंदी गाने पर नाचते थे। जब मेरी दीदी कोल्लेगे गयी, थो फिर उसने भंगरा टीम का भाग लिया। अगले साल उसने रास टीम में शामिल किया। मेरी दीदी के वजह से में अब बहुत सारे भारतीय नाच को जानता हूँ।
मेरा मनपसंद भारतीय नाच देखने के लिए बॉलीवुड है। बॉलीवुड गाने बहुत अच्छे है और जब मैं किस्सी को बॉलीवुड नाचने देखा तो मैं बहुत कुश हो जाता हूँ। बॉलीवुड नाच में मुझे उनके एक्ष्प्रेस्सिओन्स बहुत अच्छा लगता है। कभी कुश है, कभी वे दुखी है, और वे हमेशा पागल है। मेरा मनपसन्द भारतीय नाच नाचने के लिया तो भंगरा है। पिछले साल इअसा शो में मैं भंगरा के ग्रुप में था। बह्न्ग्र में बहुत मस्ती और मज़ा है। भंगरा नाचने में बहुत एनेर्ग्य लगता है लेकिन बहुत मजेदार है। जब मैं भंगरा सुनता हूँ, मैं तुरंत अपने खुंधे को हिलाता हूँ।
Wednesday, 2 February 2011
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