भारत में जनसँख्या एक बड़ा समस्या है. यह समस्या है क्योंकि बहुत सारा गरीब भारत में हैं. मुंबई में, १५ मिलिओं लोग बेघर हैं. जब जनसँख्या बढता है, तो और भी लोग गरीबी में पैदा होते हैं. भारत विकासशील देश है और मुशकिल है, अर्थव्यवस्था बदना जब देश और-और लोगओं के लिए प्रदान पड़ते है. अगर भारत अमीर बन जाएगा, तो जनसँख्या अभी भी समस्या हो जाएगा क्योंकि वह पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी नहीं है.
इस समस्या के लिए कई कारण हैं. एक कारण है की गाँव में, एक और बच्चा मतलब एक और कामगार, तो परिवार बड़े होते हैं.
भारत में बहुत गरीबी है. जब लोग गरीब हैं, तब वे गर्भनिरोधक खरीद नहीं कर सकते. ३० मिलिओं भर्तियाँ गर्भनिरोधक चाहते हैं लेकिन वे उस मिल नहीं सकते. सर्कार को गर्भनिरोधक को घूम देने चाहिए.
दूसरी बात है की भारत में, लोग गर्भनिरोध के बारे में नहीं सीखते हैं. अगर वे पैसा है, तो वे शायद कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियां नहीं करीदें. इसलिए, यौन शिक्षा ज़रूरी है.
सामान्य रूप में, शिक्षा ज़रूरी है. शोध से पता चलता है की शिक्षा के वजह से जनसँख्या हो जाता है. यह होता है क्योंकि शिक्षित महिलाओं नौकरी मिल सकते हैं और वे छोटे परिवार बाद में शुरू करती हैं. इसलिए सरकार को ज़रूरी बनना चाहिए, की हर लड़की शिक्षित है.
भारत कुछ प्रगति कर रहा है. पिछले ५० साल में, प्रजनन दर कम हुई. हर औरत के ३.४ बच्चे हैं, ६ नहीं. लेकिन यह परिशाम पूरा अकपट नहीं है. १९७०स में, इन्धिरा गांधी ने नसबंदी शिविर बनवाया और यह मानव अधिकारों के उल्लंघन था. आजकल सर्कार शायद चीन के तरह "एक बच्चा" नीयम बनेंगे, लेकिन मुझे लगता है, की यह अच्छी बात नहीं है. लोग उनके बेटियाँ मारेंगे या गर्भपात मिलेंगे थकी वे बेटा हो सकता है, क्योंकि हिन्दुस्तानी संस्कृति में, लड़के लड़कियों से अच्छे हैं.
इस समस्या के लिए कई कारण हैं. एक कारण है की गाँव में, एक और बच्चा मतलब एक और कामगार, तो परिवार बड़े होते हैं.
भारत में बहुत गरीबी है. जब लोग गरीब हैं, तब वे गर्भनिरोधक खरीद नहीं कर सकते. ३० मिलिओं भर्तियाँ गर्भनिरोधक चाहते हैं लेकिन वे उस मिल नहीं सकते. सर्कार को गर्भनिरोधक को घूम देने चाहिए.
दूसरी बात है की भारत में, लोग गर्भनिरोध के बारे में नहीं सीखते हैं. अगर वे पैसा है, तो वे शायद कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियां नहीं करीदें. इसलिए, यौन शिक्षा ज़रूरी है.
सामान्य रूप में, शिक्षा ज़रूरी है. शोध से पता चलता है की शिक्षा के वजह से जनसँख्या हो जाता है. यह होता है क्योंकि शिक्षित महिलाओं नौकरी मिल सकते हैं और वे छोटे परिवार बाद में शुरू करती हैं. इसलिए सरकार को ज़रूरी बनना चाहिए, की हर लड़की शिक्षित है.
भारत कुछ प्रगति कर रहा है. पिछले ५० साल में, प्रजनन दर कम हुई. हर औरत के ३.४ बच्चे हैं, ६ नहीं. लेकिन यह परिशाम पूरा अकपट नहीं है. १९७०स में, इन्धिरा गांधी ने नसबंदी शिविर बनवाया और यह मानव अधिकारों के उल्लंघन था. आजकल सर्कार शायद चीन के तरह "एक बच्चा" नीयम बनेंगे, लेकिन मुझे लगता है, की यह अच्छी बात नहीं है. लोग उनके बेटियाँ मारेंगे या गर्भपात मिलेंगे थकी वे बेटा हो सकता है, क्योंकि हिन्दुस्तानी संस्कृति में, लड़के लड़कियों से अच्छे हैं.
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