Wednesday, 11 April 2012

भारत और बीमारियाँ: एच.आई.वि./एड्स

दुसरे देशों के मुकाबले में, भारत की जनता बहुत बड़ी है और बहुत जल्दी बड़ रही है । अब भारत में एक बिल्लिओं से ज्यादा लोग रहते है । इन में से २.४ करोड़ लोग एच.आई.वि पौसिटिव है । इन का मतलब है कि २.४ करोड़ लोग इस बिमारिय के साथ रह रहे है । एच.आई.वि एक सेक्शुअली ट्रांसमिटेड बीमारी है । लोग जान्ने के बिना बहुत समय एच.आई.वि के साथ रह सकते हैं, क्यूँ कि यह बीमारी का असर सर्दी या बुखार जैसे लगता है, और लोगों के शरीर में बहुत धीमे फैलती है । एच.आई.वि पौसिटिव आदमी का इम्यून सिस्टम बहुत कमज़ोर होता है, इस लिए वह आसानी से दुसरे बीमारियाँ (जैसे कि कानसर) भी अपने शरीर में ला सकते है । कई वजह से एच.आई.वि भारत में भारत में बड़ी मुसीबत है । एक है गरीबी । भारत में कई जगह विकशित नहीं है, और वहां के लोगों बहुत गरीब है । पैसे के लिए औरते कुछ भी करते है, और बहुत औरते दुसरे मर्दों के साथ सोते है । इन मर्दों में से बहुत लोग ट्रक चलने वाले है, क्यूँ कि वह ट्रक चलने में भारत कि अविकसित जगह जाते है और वहा ये औरते होते है । एच.आई.वि पौसिटिव कि जनता में बहुत लोग औरते भी है क्यूँ कि जब ट्रक चलने वाला वापस आते है और अपने पत्नी के साथ सोता है, वह उससे एच.आई.वि देता है । इस वेश्याकर्म के वजह से एच.आई.वि भारत की जनता में जल्दी फ़ैल रही है । एच.आई.वि भारत में भी एक मुसीबत है क्यूँ कि जनता एच.आई.वि के बारे में जानते नहीं है । अविकसित जगह में शिक्षा अच्छी नहीं है, और भारत के संस्कृत के कारण लोग सेक्स के बारे में खुले नहीं बोलते है । इस लिए, बहुत लोग एच.आई.वि से मर रहे है । एच.आई.वि का इलाज अब नहीं है, लेकिन एच.आई.वि को कुछ समय रोकने के लिए कुछ दवाइयां है । मुसीबत है कि ये दवाइयाँ बहुत मेहेंगा है और बहुत लोग भारत में दवाइयाँ नहीं खरीद सकते, क्यूँ कि दवाई से ज्यादा खाना खास है । मुझे लगता है कि सरकार को शिक्षा में ज्यादा ध्यान देना चाहिए । एच.आई.वि का इलाज धुंडने में बहुत वक्त लगेगा, और इस समय में बहुत लोग कि माउथ होगी । अगर सरकार ने भारत के लोगों को एच.आई.वि के बारे में सीखाई, जैसे कि एच.आई.वि क्या है, और यह बीमारी से कैसे बच सकते है, तो एच.आई.वि इतना खतरनाक नहीं होगा ।

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