Sunday, 8 April 2012

भारत में दहेज

भारत, बंगलादेश, और पाकिस्तान में दहेज एक लोकप्रिय मुद्दा है. दहेज का मतलब है जब दुल्हन को आपनी शादी के साथ कुछ पैसा, सामान, या संपत्ति उसके घर से लान परता है. दहेज के कारण दुल्हन की परिवार को मुश्किलें हो सकते है. दहेज एक बुरी चीज़ है और इस वजह से परिवार में लड़ाई और बहस आ सकते है. भारत में दहेज लेना और देना कानून के किलाफ़ है. दहेज १९६१ में भारतीय नागरिक कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया था. लेकिन अभी भी कुछ शहरों और गांवों में यह हो रहा है. दहेज बहुत समस्या लता है जैसे बेटियां नहीं चाहना.

भारत एक देश है जो लड़कियों को एक बोज कहा जाता है क्योंकि लड़कियों के पलना बहुत महंगे होता है. जब लड़कियों बड़े हो जाते है तो उनके शादी के लिए बहुत पैसे लगते है. इस लिए भारतीय लोग बेटे चाहते है और बेटीया नहीं. दहेज के कारण अनेक शादिया भी कम समय के लिए रहती है. दहेज के कारण तलक होता है और महिलाओं पर अत्याचार. पति और उनके परिवार पत्नी से बुरा व्यवहार करते है अगर दुल्हन आचे दहेज अपने घर से नहीं लता. इससी लिए भारत में दहेज लेना और देना कानून के किलाफ़ है. 


जिस छोटे या बारे गांवों में दहेज अभी भी दिया और लिया जाता है एक बहुत बार अपरद है. अगर किसी ने पोलिसे या सर्कार को यह कहता है के किसी ने दहेज महंगे तो उससे एक टिकट मिलेगा. लेकिन यह नहीं होता क्योंकि जिस गांवों में यह होता है, उसके लोग अनपढ़ या किसी दवाव में आकर यह दे देती है. दहेज भारितीय लोग की लिए आचा नहीं है और मुझे लगता है की और ज्यादा मदद की ज़रूत है. मैं चाहता हूँ की कोई उस गांवों में जाये और उनको बताये की दहेज एक बुरी बात है और उसको हमको कतम करनी चाहिए.



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