मैं अपने स्कूल मैं भंगड़ा टीम कि हिस्सेदार थी और हमने काफी कम्पटीशन मैं भाग लिया. बहुत मज़ा आता था स्कूल के बाद प्रक्टिस करना! हम सब मिलके नाच के स्टेप्स का निर्णय लेतें थें. हाई स्कूल के सीनयर यर मैं हमने एक कम्पटीशन भी जीता था और हमे ट्रोफी मिली थी. मैं बहुत खुश हुई इस जीत से और मैंने निर्णय लिया कि मैं कभी भंगड़ा नाचना बंद नहीं करूंगी.
अभी भी जब भी कुछ खाली समय मिलता है, मैं भंगड़ा करना शुरू कर देती हूँ!
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