Sunday, 7 February 2010
मेरी मनपसंद नाच - रौनक छाया
मुझे बहुत नाचने का शौक है और सभी तरीके के नाच आते है, लेकिन मेरा मनपसंद नाच रास-गरबा है. मैं गुजराती हूँ इसलिए हमारा सभी पार्टियाँ में यही करते हैं. गरबा में बूडा या जुवानी आदमी नाच सकते हैं क्योंकि अलग अलग तारीक से कर सकते है...कुछ लोग जल्दी नाचते है और कुछ लोग धीरे-धीरे करते हैं. गरबा न प्राचीन ही न आधुनिक ही है मतलब सभी लोग इस में आनंद मिल सकती है. रास - गरबा में हमारी संस्कुती के बारे में भी सीख सखेंगे क्योंकी जब नवरात्री आती हैं मेरा माथा-पिता कोई नया बात सीखाते हैं. जब हम रास-गरबा में जाए तब बहुत रंगीला कपडे पहेंते है. पिछले समेस्टर मैं रास टीम पर था कुल्चुरल शो में. चोबीस लोग था टीम पर और हम दो महीना से अभ्यास किया. मैं दूसरों लोग को सिखाता था क्योंकी मुझे पहले से यह नाच आती थी. जब में भारत गया था मुझे बहुत अजीब लगा की कुछ गुजरात का लोग नहीं रास-गरबा कर सका. मैं यहाँ रहकर उस लोगों को ज्यादा नचा और उस लोगों को सिखाये. मुझे लगता है की यह बहुत ख़राब है क्योंकि अगर भारतीया लोग भूल जयेगाग थो अमरीका का हिन्दुस्तानी लोग केसे हिन्दुस्तानी चीज में भाग लेयेंगे? फिर भी मुझे रास-गरबा बहुत पसंद है और मैं अपने बच्चों को सिखाऊँगा.
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