Monday, 23 January 2012

पर्सपोलिस

मैं पर्सपोलिस देखना चाहती हूँ।  पर्सपोलिस एक बहुत पुराना शहर ईरान में है।  पर्सपोलिस के दुसरे नाम "तैख्ते  जमशीद", "चहल मीनार" और "पारसा" हैं।  पर्सपोलिस "अकमेनिद" के साम्राज्य [Achaemenid empire] की राजधानी थी।  "सीरूस" (या "साइरस थे ग्रेट" अंग्रेजी में) "अकमेनिद" के साम्राज्य का पहले पादशाह था।  "दारियुश" (या "दैरियास थे ग्रेट" अंग्रेजी में) और ज़र्क्सीज़  ने यह शहर बनवाया कोई पच्चीस सो साल पहले।  वहां कुछ बहुत बड़ी इमारतें हैं, जो चूना पत्थर [limestone] से बना गई। वे इमारतें ज़यादातर सेने के घर, पादशाह के घर, स्वागत कक्ष [reception halls], और खजाने के लिए थीं।  वे इमारतें पर बहुत नक्काशियां [carvings] हैं जिस में बहुत लोग सारे दुनिये से पर्सपोलिस आते हैं श्रद्धांजलि [tribute] देने के लिए।  ये नक्काशियां में कुछ हिन्दुस्तानी लोग भी भी आते हैं, श्रद्धांजलि देने के लिए, हाथियों पर। "अकमेनिद" का साम्राज्य बहुत बड़ा साम्राज्य था -- यूरोप (ग्रीस) और उत्तरी अफ्रीका (लीबिया) से, हिंदुस्तान (सिंधु नदी) तक।  इतने बड़े साम्राज्य में ज्यादी नौकरशाही [bureaucracy] का काम की ज़रुरत थी।  पर्सपोलिस दुनिये में एक पहली नौहर्शाही जैसे आधुनिक की नौकरशाही था।  वहां पुरातत्त्वविद् [archaeologists] ने बहुत ज्यादी प्रशासनिक गोलियाँ [administrative tablets] खोज की।  वे गोलियां आजकल यूनिवर्सिटी आफ शिकागो में हैं।  "अकमेनिद" के साम्राज्य की मज़हब "माज्दियनिस्म" थी।  यह मज़हब और पारसी धर्म मिलती जुलती हैं।  उनके भगवान् का नाम "अहुरामाज्दा" था।  लेकिन सब बड़े साम्राज्य एक दिन ख़त्म हो जाते हैं।  इस्कंदर (या "अलेक्सैन्दर थे ग्रेट" अंग्रेजी में) और उसके सेने ने ३३० बी-सी- में पर्सपोलिस को आक्रमण [attack] किया और लूट किया। 

कुछ इत्तिला इस निबंध के लिए इस साईट से है: http://en.wikipedia.org/wiki/Persepolis 

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