Tuesday 17 January 2012

स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी

अगर मुझे कोई एक मोनुमेंट देखना को मिले थो मैं स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी ज़रूर देखना जहुंगा. स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी  समुन्दर के किनारे के पास है.ये मोनुमेंट एक औरत का है. वह न्यू योर्क में खड़ी है एक छोटे से ज़मीन के तुकर्ड़े पर. उस के हाथ में एक मशाल है और उस के सर पर एक ताज भी है. बहुत सरे लोग उसको देखने रोज़ आते हैं. या मोनुमेंट अमेरिका के इतिहास का बहुत जरूरी हिसा है. स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक उपहार था फ्रांस से उ.स.अ. को कुछ एक सौ बीस साल पहले. इस उपहार से उ.स.अ और फ्रांस की दोस्ती बहुत मज़बूत होगी थी. फ्रांस ने इस से पहले उ.स.अ. को उनकी क्रांतिकारी जंग में मदद कि थी. इस लए ये उपहार के आने से फ्रांस को उ.स.अ. से मदद कि उमीद थी अगर कोई और जंग शुरू होती. अब ये मोनुमेंट रोज़ सुबह के नौ बजे से शाम के पांच बजे तक खुलती है. इस मोनुमेंट को देखने के लिए सब को एक बेड़ा लेनी पार्थी है. वह बेड़ा उनको पहले थो एक दो जगह ले कर जाती है और उसके बाद वह स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी के पास जाती है. उसके पहले वह तुमे एल्लिस इस्लंद ले कर जाती है. एल्लिस इस्लंद एक रास्ता था पुराने समय में उ.स.अ. में अन्ने का. आब थो सब हवाई जहाज में आते हैं. वहां एक बहुत आचा संग्रहालय है देखने के लय. स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी को देखने कि फ़ीस सिर्फ तेरह डॉलर है एक आदमी के लिए और मुक्त बच्चों के लिए. या प्रतिमा उ.स.अ. में हमेशा एक स्वतंत्रता का मोनुमेंट रहेगा. इस को देख कर लोग याद कर सकते हैं कि पहले कितनी गलत सोच थी दुनिया में और आज दुनिया कहाँ से कहाँ आह चुकी है. या सिर्फ उ.स.अ. का नहीं लेकिन दुनिया का एक बहुत जरूरी हिसा है.

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