मैं इंडिया गेट देखना चाहता हूँ इंडिया गेट बहुत लम्बा और बड़ा गेट है और इस गेट सड़क पर है इंडिया गेट बहुत सुन्दर है १९२१ इरविन बादशा इस गेट बनवाया. इस गेट बनाया क्यों की बहुत हिन्दुस्तानी सौनिक संग्राम में मरते थे. ९०००० सौनिक संग्राम में मरते थे. १४००० नाम इंडिया गेट पर लिखा गया. इस खबर बहुत उदास है तो इंडिया गेट हिमत सौनिक के लिए बनाया गया था. इस गेट थोडा आग के लिए गेट में बहुत मशहूर है. क्यों की १९२१ के बाद तब १९२९ में २६ जनवरी में भारत से स्वतंत्र है लेकिन १९७१ में हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी लोग लड़ते थे और इस बहुत बड़ा लड़ाई था इस लड़ाई का नाम हिन्दू-पाकिस्तानी वर है. और सौनिक को याद करने के लिए एक थोडा आग इंडिया गेट में है. दिन से रात को, रोज दिन, इस छोटा आग इंडिया गेट में है.
गेट राजपथ में है इंडिया गेट बहुत लम्बा है वह ४२ मीटर है और वह लाल भरतपुर पत्थर पर बनाया. और गर्मी छुट्टिया में बहुत लोग इंडिया गेट जाते है और इस लोग बहुत खुश हुआ था क्यों की बहुत अलग दूकानदार इंडिया गेट के पास है इस दुकानदार मीठा और खाना और खिलौने बेचते है और एक बड़ा जगह इंडिया गेट के आसपास है थो बहुत लोग वहा बैठते है और वहा कई लोग पिकनिक करते है और लोग खेलते है तो जब मैं भारत जाते मैं इंडिया गेट देखूगा!
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