मुझे भारथिये गेट देखना चाहिए. इस स्मारक न्यू दिल्ली में है. यह उन्नीस इक्कीस में बनाया था. और इसे जवानियों के लिए बनाया था. यह चालीस दो मीटर लंबा है. यह सभी भारत से बहुत मशहूर युद्ध स्मारक है. जगह बलिदान का प्रतीक है. यह नब्बे हजार सैनिकों कि मर गया के लिए था. दुनिया के दो युद्ध और अफगानिस्तान युद्ध में. कभी न कभी परिवारों वहां पिकनिक के लिए जाते हैं. यह Arc de Triomphe के लिए इसी तरह की है. गेट के पास एक किंग जॉर्ज मूर्ति था. लेकिन आज़ादी के बाद इस मूर्ति राज्याभिषेक बाग़ में ले गया था. भारथिये गेट में अमर जवान ज्योति भी है. इस ज्योति सभी अज्ञात जवानियों के लिए है. हर गणतंत्र दिवस एक जुलूस राष्ट्रपति भवन से लाल किला तक जाते हैं. जब जा रही वे गेट के माध्यम से जाते हैं. इस लिए हर गणतंत्र दिवस पर प्रधान मंत्री श्रद्धांजलि देने के लिया जाते हैं. लेकिन, राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि इस नहीं करते हैं. आज-कल अन्य प्रसिद्ध लोगों भी श्रद्धांजलि देने के लिया जाते हैं. रात में गेट जलाया और बहुत खूबसूरत हुआ. इसलिए कोई लोगों सिर्फ रत पर जाते हैं. वहाँ कई सड़कों के माध्यम से चला गया हो. लेकिन आज वे जनता के लिए बंद कर रहे हैं. एक राष्ट्रीय प्रतीक की वजह से अगर आप भारत जाएँ, तो आप को भारथिये गेट देखने चाहिए. अगर आप सकें रत पर देखें.
Monday 23 January 2012
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