Sunday 20 March 2011

Pre-wedding Customs

भारत में बहुत सारे शादी से पहले समारोह होते हैं.  एक समारोह जो शादी से बहुत पहेले होता है तो सगाई की रस्म है.  बहुत तरह से सगाई की रस्म होती है.  उत्तर भारतीय की सगाई में शादी की विवार्ण के बारे में बात होती है, दुल्हे और दुल्हन की सगाई की अन्गुतियाँ पहनती है.  फिर तिल्लक करवाता जाता है.  लड़के वालो दुल्हे को गहरे देते है.  दक्षिण बारातियों में सगाई की रस्म बहुत अलग तरह से होता है. लड़की और लड़का रस्म में होना नहीं पड़ता है.  सगाई की रस्म दोनो परिवार की प्रतिबद्दता है.  इस रस्म में एक दुसरे को सगाई की थाली देते है.  दोनो तरह की सही की रस्म लड़के वालों के घर में होता है.  इस दिन पर शादी का दिनाक पक्का हो जाता है.  

दूसरा शादी से पहले रस्म तो मेहँदी की रस्म है.  यह रस्म दुल्हे के घर होता है.  इस रस्म में सिर्फ लड़कियां और औरतें आ सकती है.  सिर्फ एक शादी शुदा औरत पहले दुल्हे को मेहँदी लगा सकती है.  मेहँदी दुल्हे को हाथों, काली, बाँहों, टांगों, और पैरों पर लगाये जाता है.  लोग कहते है कि मेहँदी का रंग जितने गहरे लगता है उतना ज्यादा दुल्हे की होने वाली सास उस से प्यार करेगी.  

शादी से पहले दिन शादी के संगीत होता है.  इस रस्म पर दुल्हन के सारे परिवार और दोस्त एक साथ खुशी मानते है.  वे गाने गाते है और बहुत नाचते भी है.  

सगन की रस्म एक पंजाबी रस्म है.  दोनो परिवार एक साथ आते है.  यह रस्म चुन्नी चड़ना रस्म के साथ होता है.   दुल्हे को लाल साडी पहनता जाता है.  फिर उसको गहरा पगानाए जाता है.  

शादी के दिन दुल्हन घोरे पर आता है.  शादी के दिन दुल्हे डोली में आती है. 

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