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मंगनी
हिन्दुस्तानी शादियाँअमेरिकन शादियों से बिलकुल अलग हैं क्योंकि हिन्दुस्तनों शादियों में बहुत ज्यादा रस्मों-रिवाज होते हैं| अमेरिकन शादियाँ सिर्फ एक दिन होती हैं लेकिन हिन्दुस्तानी शादियाँ सारा हफ्ता चलती हैं| हिन्दुस्तानी शादियाँ में जो रिवाज है वे सांस्कृतिक हैं और सब हिंदुस्तान के हर धर्म, राज्य में के अलग-अलग रिवाज हैं| शादी की रस्में कुछ दिन पहले शुरू हो जाती हैं| सब से पहला रिवाज है मंगनी| कुछ लोग सोचते हैं कि ये रिवाज विलायत से आया लेकिनअसल में ये भारत का ही रिवाज है| रस्मों के नाम अलग-अलग हैं वे मिसरी, नथिया का रस्म, आशीर्वाद, सगाई, और मंगनी हैं| सारे धर्मों में यह रस्म समान ढंग से मनाया जाता है लेकिन कुछ परिवार कुछ अलग से करते हैं| साधारणत रस्म दुल्हन के घर या किसी हॉल में होती हैं| दुल्हन और दूल्हा के परिवार वाले-रिश्तेदार आते हैं ताकि सब लोग शादी की पहेली रस्म शुरू कर सकें| परिवार दोनों को तोहफे, मिठाइयाँ और बधाइयाँ देते हैं| जब लोकाचारी नथिया का रस्म की जाती है तो रिश्ता पक्का हो जाता है| फिर दूल्हा और दुल्हन अपने-अपने परिवार का परिचय करवाते हैं| सब लोगों के लिए कोई भोज भी दिया जाता है| उत्तर प्रदेशों में जब शादी का रिश्ता पक्का हो जाता है तब उत्सव किया जाता है| नथिया के रस्म के साथ 'तिलक' का रस्म भी होती है| दक्षिण प्रदेशों में, रस्म कुछ अलग ढंग से होती है| दुल्हन और दूल्हा उत्सव में शामिल नहीं होते| दक्षिण में सब से महत्वपूरण रस्म टट्टू देना है|
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