Sunday 20 March 2011

शादी

पंजाबी शादी में, जब एक लड़का और एक लड़की शादी के लिए मानते हैं, पहला सरेमोनी रोका होता है। यह है एक घोषणा जो कहता है की दोनों उन के हमसफ़र मिल गए हैं। दुल्हन का मामा उस को नथ देता है जो वह शादी के दिन पर पहनेगी। एक हफ्ता शादी के पहले टिक्का सरेमोनी होता है। इस में दुल्हन का परिवार दुल्हे के घर जाता है गिफ्ट्स और टिक्का के साथ। लड़की का पापा दूल्हा पर टिक्का लगता है और उस को कुछ पैसा देता है। दुल्हन का परिवार कुछ फल मिलता है। एक संगीत भी होती है। संगीत बहुत मज़ेदार होती है। लड़की का परिवार संगीत लगाती है। वे गाने गाते हैं और नाचते हैं। शादी के पहले महेंदी भी होती है। सब औरतें महेंदी लगते हैं। दुल्हन पर महेंदी हाथों और पैरों लगती है। शादी के दिन पर एक पेस्ट लगती है। उस के चहरे पर, हाथों पर, और पैरों पर लगती है। दूल्हा का परिवार दूल्हा पर बतना भी लगता है। फिर दूल्हा घोड़े पर चढाते है दुल्हन लेने के लिए। दूल्हा का परिवार घोड़े के साथ चलते हैं और इस को बरात कहते हैं। दुल्हन का परिवार बरात के लिए इंतज़ार करता है। एक और सरेमोनी है जहाँ एक दूध का पलते है और अन्दर एक रिंग है। फिर दोनों दूल्हा और दुल्हन अपने हाथ दूध में डालते हैं रिंग ढूँढने के लिए। जिस ने रिंग पहले ढूँढ़ते हैं जीत जाते हैं। शादी में आग है जो दूल्हा और दुल्हन के पास चलते हैं जब वे व्रत लेते हैं। शादी के बाद दुल्हन अपने नया पति का घर जाती है। पुराने दिन में दुल्हन एक डोली में बेठ जाती थी लेकिन आज वह कभी कभी होती है।

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