Saturday 19 March 2011

संगीत

हिन्दुस्तानी शादी बहुत समारोह है. प्रत्येक  समारोह अलग अलग अर्थ है. शादी लगभग एक हफ्ते टिकती है. संगीत बहुत लोकप्रिय समारोह शादी से पहले है. केवल औरतें संगीत को उपस्थित होती हैं. प्रथानुकूल स्त्री दुल्हन का पक्ष आ सकती थी लेकिन आजकल स्त्री दोनों का पक्ष आ सकती हैं. प्रथानुकूल समारोह केवल उत्तर भारतीय शादियों में देखा जाता है. संगीत एक या दो दिन शादी से पहले है. क्योकि यह बहुत महत्वपूर्ण घटना है कि दुल्हन के परिवार ने बहुत तैयार किया. उने हांल या घर रगीन सजाया. मेहमान शाम को आ लगते है और देर रात से ठहराते हैं. औरत बहुत गीत गाती थी. ये लोक की गीतें दुल्हन और शादी के लिए. लोग दोल भी बाजते है. वहां बहुत नाचे नाचते हैं. संगीत पर बहुत अच्छा खाना है लेकिन मुख्य भाग गीह है. गीत दुल्हन और दूल्हे के प्यार के बारे में हैं. गीत ससुराल को प्रकाश हंसी उड़ाती हैं. यह बंधन परिवारों के बीच मज़बूत बनाता है. संगीत बहुत प्रकाश- दिल और मज़ा शागी का हिस्सी है. यह हिन्दुस्तानी शादी का आकर्षण जोड़ती है. यह मनोदशा शादी के लिए लगती है. सब लोग बहुत खुश निकलते है और शादी तैयार होती है. 
मेरी बहन की शादी में मेरा मनपसंद समारोह संगीत है. हमें सब औरतिओं और अदामीओं से दुल्हन और दूल्हे के पक्ष को बुलाया. मैं और अपनी दूसरी बहन ने एक नाच खेला. मेरा पूरा परिवार अच्छा मनोदशा था और हम पूरा रात मनाया. हिन्दुस्तानी शादी बहुत खुयी के मौके हैं. 

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