Sunday 20 March 2011

मेरी शादी की आश्चर्य


पिछले गर्मी गोवा में मैंने शादी की। शादी हिन्दू थी और क्योंकि मैं हिन्दू नहीं थी तो कुछ चीज़ें मेरे लिए बहुत अजीब थी। मुझे याद है कि दो चीज़ें खासकर अजीब थीं और वे शादी के बीच में और फिर शादी के बाद भी हुए थे। पहले चीज़ ने शादी से पहले शुरू की। यह मंगल सूत्र है। शादी से पहले मेरे पती ने मेरे लिए एक माला खरीद दिया। लेकिन ये आम माला नहीं था, ये मंगल सूत्र था। आज कल सभी भारत के लिए मंगल सूत्र बहुत खास है। मंगल सूत्र एक सोना रस्सी काले गुटके के साथ है। मैं सोचती हूँ कि सोना है क्योंकि सोन हल्दी की तरह है और अतीत में पती अपने पत्नी की गर्दन पर कोई तार हल्दी से तायी करते थे। लेकिन अब तार नहीं है, मंगल सूत्र है। खेर, शादी के बीच में वे पंडित ने मंगल सूत्र आशीवार्द दिया और उस के बाद मेरे पति ने मेरे गर्दन पर ताई किया। मुझे मालूम है कि पत्नियों को मंगल सूत्र हर दिन पहनना चाहिए, लेकिन मैं भी जानती हूँ कि कई हिन्दू पत्नियाँ मंगल सूत्र नहीं पहनतीं हैं क्योंकि किस्सी को मंगल सूत्र माडर्न नहीं लगता है। लेकिन माडर्न या नहीं मंगल सूत्र जरुरी है क्यों कि इस का मतलब है कि औरत शादी शुदा है। दूसरा मतलब प्रेम है, और जैसा अमेरिका में अंगूठी है ऐसा भारत में मंगल सूत्र है। इस लिए मैं अभी भी अपना मंगल सूत्र पहन रही हूँ। लेकिन शादी में मंगल सूत्र के पहेले मैंने एक तुकरे हल्दी से पहना। ये दूसरा अजीब चीज़ है। शादी के शुरू में मैंने अपने पती के हाथ पर एक हल्दी जड़ का टुकड़ा टाई किया और उस के बाद उन्होंने मेरे हाथ पर एक हल्दी जड़ का टुकड़ा टाई किया। इस का नाम कंकना धरणं है और इस का मतलब कि दोनों पती और पत्नी धर्म में एक जोड़ा हैं। यह जड़ सारा शादी की रस्म पहनता है और जोड़े के पहले रत के लिए भी पाहता है लेकिन उस के बाद यह जड़ मिट्टी में रखता है। तो सुबह में हम दोनों ने हल्दी जड़ मिट्टी में रख दिए। हल्दी बहुत जरुरी है, बहुत अनमोल है लेकिन हमरे हल्दी अभी भी गोवा में है।

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