शादी के बाद एक रसम जो है उसका नाम बिदाई है. इस रसम में लड़की आपने परिवार से विधा होती है. यह रसम बहुत दुखी वाली है क्यों कि माँ बाप और सब लोग रोतें हैं क्यों कि लड़की उनको चोर्ड के जा रही हैं. शादी के बाद जब लड़की पहले बार ससुराल जाती है तोह उसकी सास उसकी आरती उतार थी है और फिर लड़की घर में प्रवेश करती हैं और फिर उसकी धधि पैर के साथ एक चावल से भरा हुआ कलेश को घिरती हैं. इसका मतलब है कि घर में हमेशा धन और दान होगा.
एक और रसूम जो होती है वोह उन्गूती कि रसूम है. शादी के कुछ दिनों पहले सब लोग गणेश जी कि पूजा करते हैं. उस दिन पर पंडित जी दूल्हा और दुल्खन के हाटों पर कलावा दागा बंद ते हैं. इस दागा में बहुत कुछ गातें होती हैं. शादी के बाद में लड़की लड़का का दागा उतार थी है, एक हाथ से और लड़का लड़की का दागा भी खोल था है. इसका महत्वता यह हुआ कि अगर वे एक हाथ से खोल सकतें हैं तोह ज़िन्दगी कि सारे मुसीबतों को पर कर सकतें हैं. फिर वोह दागा और दूद और कुछ चीज़ों के साथ सब को एक प्याला में डालते हैं. वे अन्गूतियाँ भी डालते हैं. फिर दूल्हा और दुल्हन को अन्गूतियाँ दूंदने पार्टी हैं. जोह पहले दूंदता हैं वोह जीत जाता हैं. लोग मानते हैं कि जो जीता है वोह उस शादी में दोमिनंत है.
Sunday, 20 March 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment