Sunday, 24 October 2010

मेरा सबसे मनपसंद दिन

मेरा सबसे मनपसंद दिन इस गर्मी की छुतियों में थी। उस दिन में और मेरे पितः सिन्सिन्नती गए थे। हम गए क्यों की वहां एक टेनिस टूर्नामेंट थी। हमारे पास सेमी फिनाल्स और फिनाल्स की तिच्केट्स थी। मेरा मनपसंद टेनिस किलाड़ी रोगेर फेदेरेर है। फेदेरेर से बढकर कोई नहीं है। वह बहुत अच्छा खिलाडी है। पहला दिन मैं और मेरे पितः उसका मैच देखा। फेदेरेर जीता। उस रात हमने फेदेरेर दूर से देखा। मैं बहुत कुश था। मैंने उसकी तस्वीर खींची। फिर हम होटल जाकर सोए। सुबह में मैं और मेरे पितः स्तादियम पर आ गए। और फिर अचानक मैंने रोगेर फेदेरेर को देखा। वह मेरे करीब था। मेरे हाथ में एक गेंद था, और मैंने फेदेरेर को पुकारा। वह मेरे पास आया और मेरेगेंद को सिग्न किया। मैंने उससे पुचा "आप कैसे हैं?" उसने बोला की " मैं ठीक हूँ" हे भगवन! मैं अपना सबसे मनपसंद आदमी मिला था। शाम में, फेदेरेर उसका मैच जीता। वह टूर्नामेंट जीत गए। यह मेरा सबसे मनपसंद दिन था।

No comments:

Post a Comment