भारत में बहुत रसम होते हेँ शादी के समय। एक रसम जो हर शादी में होती हेँ भारत में हेँ तिलक की रसम। यह रसम एक महीने या एक, दो हफ्ते शादी से पहले होती हेँ। यह रसम किया जाता हेँ शुभ के कारण से। इस रसम में, जो दूल्हा होता हेँ, उसके माथे पर तिलक लगते हेँ। जो दुल्हन हेँ, उसके परिवार से सब आदमीयों यह तिलक दूल्हा पर लगते हेँ। तब दुल्हन की परिवार प्रदान देती हें दूल्हा का परीवार को। इसका कारण हेँ की दूल्हा का परिवार दुल्हन को आच्छे से रखे।
एक और रसम जो होता हेँ शादी के बाद हेँ द्वार रोकी रसम। इस रसम में जब दुल्हन पहली बार आती हेँ दूल्हा का परिवार ke घर में, उसको आपना पैर मिट्टी की बरतन से गिराना होता हेँ। यह मिट्टी की बरतन घर का दरवाजा के पास रखा होता हेँ। इस रसम का वजा हेँ की कोई बुरा चीज़ नहीं हो दूल्हा और दुल्हन को। इस रसम के बाद दुल्हन घर के अंदर आ सकती हेँ।
Monday 22 March 2010
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