Saturday 20 March 2010

हिन्दुस्तानी शादियों के परम्पराएं

हिन्दुस्तानी शादियाँ बहुत मजेदार होतीं हैं, खासकर के पंजाबी शादियाँ. लोग इन शादियों में बहुत मज़ा करतें हैं. वे नए लोगों से मिलतें हैं, एक दुसरे के साथ मस्ती करतें हैं, स्वादिष्ट खाना खातें हैं और खूब नाचते-गातें हैं. पंजाबी शादियों के बहुत सारे रस्म होतें हैं, लेकिन मेरे ख्याल से जो सबसे महत्वपूर्ण रस्म है वोह है सप्तपदी य साथ फेरे.
दूल्हा और दुल्हन यह एक डरी हुई आग के चारों ओर करतें हैं, और यह आग परमेश्वर से प्रतीकात्मक होती है.
जब दूल्हा और दुल्हन यह साथ फेरे लेतें हैं, तब पंडितजी मंत्र सुनतें हैं और शादी के महत्व की बात करतें हैं. इसी के बाद दूल्हा दुल्हन की मांग में सिन्दूर भरता है और उसे मंगलसूत्र भी पहनाता है. दोनों सिंदूर और मंगलसूत्र मजबूत धार्मिक प्रभाव है और एक शादी शुदा औरत का पवित्र प्रतीक हैं. इस रस्म के बाद दुल्हन की विदाई होती है और वह अपने पति के घर, अपने ससुराल, चली जाती है.

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