Sunday 21 March 2010

भारती शादी

भारती शादी में बहुत रंग होते है. सब रिश्तेदार दूर से आते है और सब दोस्तों भी आते है. सब लोग बहुत नाचते और गाठे है जिस के वाजे से बहुत मज़ा आता है. शादी दिनों के लिए चलती है और उस दिनों में सब लोग रसम और रिवाज़ में शामिल होते है. पहेले बारात आती है दूल्हा लेकर. इस में दुल्हा के रिश्तेदार नाचते और गाठे हैं डोली बजकर और दुल्हा उनके पीछे रहेता है घोड़े पर बेटकर. एक खेल के नाम है जूते चुराना इस में सब लड़की वाले दुल्हा के जूते चुराते है और पैसे मंग्ठे है. फिर शादी होती है यह बहुत लम्बी है और फेरे के रसम इसमें होती है. फेरे के बाढ और कुछ खेल होते है जैसे अंगूठा दूध में धुन्दना वैसे तहरा के खेल. फिर ढोली आती है और दुल्हन को ले जाती है यह बहुत अफ़सोस और ख़ुशी की बात है कयोंकी दुल्हन घर छोड़ रही है लेकिन वह आपने मईके के पास जा रही है. शादी बहुत खूबसुरत होती है और धूम धमाल से मना जाता है.

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