Arsh Patel
Wednesday, 5 December 2012
Saturday, 21 April 2012
Thursday, 19 April 2012
Tuesday, 17 April 2012
Thursday, 12 April 2012
Wednesday, 11 April 2012
भारत और बीमारियाँ: एच.आई.वि./एड्स
दुसरे देशों के मुकाबले में, भारत की जनता बहुत बड़ी है और बहुत जल्दी बड़ रही है । अब भारत में एक बिल्लिओं से ज्यादा लोग रहते है । इन में से २.४ करोड़ लोग एच.आई.वि पौसिटिव है । इन का मतलब है कि २.४ करोड़ लोग इस बिमारिय के साथ रह रहे है । एच.आई.वि एक सेक्शुअली ट्रांसमिटेड बीमारी है । लोग जान्ने के बिना बहुत समय एच.आई.वि के साथ रह सकते हैं, क्यूँ कि यह बीमारी का असर सर्दी या बुखार जैसे लगता है, और लोगों के शरीर में बहुत धीमे फैलती है । एच.आई.वि पौसिटिव आदमी का इम्यून सिस्टम बहुत कमज़ोर होता है, इस लिए वह आसानी से दुसरे बीमारियाँ (जैसे कि कानसर) भी अपने शरीर में ला सकते है । कई वजह से एच.आई.वि भारत में भारत में बड़ी मुसीबत है । एक है गरीबी । भारत में कई जगह विकशित नहीं है, और वहां के लोगों बहुत गरीब है । पैसे के लिए औरते कुछ भी करते है, और बहुत औरते दुसरे मर्दों के साथ सोते है । इन मर्दों में से बहुत लोग ट्रक चलने वाले है, क्यूँ कि वह ट्रक चलने में भारत कि अविकसित जगह जाते है और वहा ये औरते होते है । एच.आई.वि पौसिटिव कि जनता में बहुत लोग औरते भी है क्यूँ कि जब ट्रक चलने वाला वापस आते है और अपने पत्नी के साथ सोता है, वह उससे एच.आई.वि देता है । इस वेश्याकर्म के वजह से एच.आई.वि भारत की जनता में जल्दी फ़ैल रही है । एच.आई.वि भारत में भी एक मुसीबत है क्यूँ कि जनता एच.आई.वि के बारे में जानते नहीं है । अविकसित जगह में शिक्षा अच्छी नहीं है, और भारत के संस्कृत के कारण लोग सेक्स के बारे में खुले नहीं बोलते है । इस लिए, बहुत लोग एच.आई.वि से मर रहे है । एच.आई.वि का इलाज अब नहीं है, लेकिन एच.आई.वि को कुछ समय रोकने के लिए कुछ दवाइयां है । मुसीबत है कि ये दवाइयाँ बहुत मेहेंगा है और बहुत लोग भारत में दवाइयाँ नहीं खरीद सकते, क्यूँ कि दवाई से ज्यादा खाना खास है । मुझे लगता है कि सरकार को शिक्षा में ज्यादा ध्यान देना चाहिए । एच.आई.वि का इलाज धुंडने में बहुत वक्त लगेगा, और इस समय में बहुत लोग कि माउथ होगी । अगर सरकार ने भारत के लोगों को एच.आई.वि के बारे में सीखाई, जैसे कि एच.आई.वि क्या है, और यह बीमारी से कैसे बच सकते है, तो एच.आई.वि इतना खतरनाक नहीं होगा ।
भारत में कई जरूरी मुद्दे हैं. (in India there are many important issues.)भ्रष्टाचार का सबसे जरूरी बात है.(most important is the matter of corruption.) सभी देशों के पास भ्रष्टाचार है कुछ देशों में ज्यादा भ्रष्टाचार है. कुछ देशों में कम भ्रष्टाचार है.हम नहीं कह सकते कि देश नैतिक रूप से बेहतर है जब भ्रष्टाचार कम है. भ्रष्टाचार के सभी देशों के लिए विकास की एक समय पर आता है.(corruption comes at a time of growth for all countries. ) भ्रष्टाचार बहुत बुरा है यह कई लोगों को दर्द होता है.(corruption is very bad .It hurts many people. ). गरीब लोगों को भ्रष्टाचार से सबसे अधिक चोट कर रहे हैं.(poor people are hurt the most by corruption. ) गरीब लोगों को कोई पैसा नहीं है.इस कारण वे रिश्वत नहीं दे सकते.(Poor people have no money. For this reason they cannot pay bribes.) पुलिस कभी कभी के लिए उन्हें मदद करने के लिए रिश्वत दी जानी चाहिए.(police must sometimes be bribed for them to help.)या वे रिश्वत के लिए पूछने के लिए कुछ हुआ होगा.(Or they will ask for bribes to let something happen. )
इसके अलावा, अगर गरीब लोगों के एक गिरोह द्वारा किया जा रहा है चोट कर रहे हैं, पुलिस को रिश्वत चाहते हैं मदद करने के लिए हो सकता है.(Also, if poor people are being hurt by a gang, the police may want a bribe to help. ).
मध्यम वर्ग के लोगों को इन समस्याओं के कुछ है. लेकिन कभी कभी वे रिश्वतका भुगतान कर सकते हैं.(middle class people have the some of these problems. But sometimes they can pay the bribe.)
भ्रष्टाचार हर जगह पाया जाता है.(corruption is found everywhere.) कई चीजें बेहतर हो जब भ्रष्टाचार कम हो जाता है.(many things will get better when corruption becomes less. )
-कम भ्रष्टाचार प्रदूषण के साथ बेहतर हो जाएगा.(with less corruption pollution will become better. )
प्रदूषण बेहतर हो क्योंकि कानूनों कुछ मतलब होगा.(pollution will become better because laws will mean something. )जब भ्रष्टाचार कम व्यापार एक अधिकारी को रिश्वत का भुगतान नहीं करसकते हैं.वे एक कानून है कि दुनिया बचाता है बचने नहीं कर सकते.(When corruption is less business cannot pay a bribe to an official. They cannot avoid a law that protects the world. )यह नियमों के चारों ओर जाने के लिए मुश्किल हो जाएगा.इसका मतलब यह है कि इसे ज़्यादा लेने के लिए कानूनों को तोड़ने.(it will be harder to go around rules. This means it will take more to break the laws.) दूसरे मुद्दों के रूप में अच्छी तरह से भ्रष्टाचार कम करने के द्वारा मदद की जाएगी.(other issues will be helped as well by making corruption less. )
इसके अलावा, अगर गरीब लोगों के एक गिरोह द्वारा किया जा रहा है चोट कर रहे हैं, पुलिस को रिश्वत चाहते हैं मदद करने के लिए हो सकता है.(Also, if poor people are being hurt by a gang, the police may want a bribe to help. ).
मध्यम वर्ग के लोगों को इन समस्याओं के कुछ है. लेकिन कभी कभी वे रिश्वतका भुगतान कर सकते हैं.(middle class people have the some of these problems. But sometimes they can pay the bribe.)
भ्रष्टाचार हर जगह पाया जाता है.(corruption is found everywhere.) कई चीजें बेहतर हो जब भ्रष्टाचार कम हो जाता है.(many things will get better when corruption becomes less. )
-कम भ्रष्टाचार प्रदूषण के साथ बेहतर हो जाएगा.(with less corruption pollution will become better. )
प्रदूषण बेहतर हो क्योंकि कानूनों कुछ मतलब होगा.(pollution will become better because laws will mean something. )जब भ्रष्टाचार कम व्यापार एक अधिकारी को रिश्वत का भुगतान नहीं करसकते हैं.वे एक कानून है कि दुनिया बचाता है बचने नहीं कर सकते.(When corruption is less business cannot pay a bribe to an official. They cannot avoid a law that protects the world. )यह नियमों के चारों ओर जाने के लिए मुश्किल हो जाएगा.इसका मतलब यह है कि इसे ज़्यादा लेने के लिए कानूनों को तोड़ने.(it will be harder to go around rules. This means it will take more to break the laws.) दूसरे मुद्दों के रूप में अच्छी तरह से भ्रष्टाचार कम करने के द्वारा मदद की जाएगी.(other issues will be helped as well by making corruption less. )
दहेज मुद्दा बेहतर हो जाएगा. (the dowry issue will get better. ) दहेज के मुद्दे में, महिलाओं को कभी कभी मार डाला या दुर्व्यवहार जाएगा . और सर्फ ज्यादा पैसे के लिए.
(in the issue of dowry, women will sometimes be killed or abused. And all for more money) फिर, पैसे के साथ लोगों को बाहर सजा दी जा रही है मिल सकता है.(again, with money people can get out of being punished. ) तो वहाँ कभी कभी इस तरह के अपराधों के लिए कोई सज़ा नहीं है.(so there is no punishment sometimes for such crimes. )
गरीबी कम हो जाएगा (poverty will become less.) और जनसंख्या के साथ काम किया जा सकता है.(overpopulation can be worked with. )गरीबों की मदद के लिए पैसा उन्हें मिल जाएगा.(money to help the poor will get to them. ) जन्म नियंत्रण के लिए कार्यक्रमों को भी अपने पैसे मिल जाएगा.(programs for birth control will also get their money.)
भ्रष्टाचार कम करने हर मुद्दे को ठीक नहीं होगा.न ही कभी भ्रष्टाचार पूरी
तरह से चला गया होगा.(making corruption less will not fix every issue)(Nor will corruption ever be totally gone. ) लेकिन, चीजें बेहतर हो जाएगा.अधिक कानून के फैसले को बरकरार रखाजाएगा.यह भारत में जीवन के हर हिस्से असर होगा. ( But things things will be much better. there will be laws that will be upheld. It will effect every part of life in India. )
शादी के सीमा शुल्क
भारतीय विवाह में कई समारोह / परंपराओं हैं. सबसे आश्चर्य की बात है कि उत्तर और दक्षिण भारत के बीच उन सीमा शुल्क में कुछ अंतर है. उदाहरण के लिए दक्षिण में महिलाओं मंगलसूत्र पहनते उनकी शादी का प्रतीक हैं. तथापि, यह उत्तर में आम नहीं है. प्रत्येक शादी में पहना कपड़े पूरी तरह से अलग हैं. एक और अंतर सगाई समारोह. जबकि सबसे अधिक शादियों में एक है, वे बहुत अलग हैं. वे भी अलग-अलग नामों से कहा जाता है. जैसे आशीर्वाद समारोह, चुन्नी चदना, सगन समारोह, मगनी, और वगैरह. हालांकि, उत्तर और दक्षिण भारत से कई समानताएं भी है. पहला समारोह है, जो मैं वर्णन करेंगे, तिलक कहा जाता है. यह शादी के दौरान पहले से एक है. दुल्हन के पिता दूल्हे के माथे पर शुभ तिलक लगाता हैं. इस का प्रतीक है कि दुल्हन के परिवार अपने दामाद के रूप से उसे स्वीकार कर लिया हैं. एक छोटा सा हवन और पूजा भी होता है. एक और समारोह मेहंदी की रस्म है जो आमतौर पर शादी से पहले ही होता है. अनुष्ठान के अनुसार, दुल्हन इस समारोह के बाद घर के बाहर कदम नहीं करती है. समारोह के दौरान, हल्दी पेस्ट दुल्हन के चेहरे, पैर और हाथ पर लगते हैं. इस के बाद, मेहंदी आवेदन शुरू होता है. कुछ लोकप्रिय मेहंदी डिजाइन के अरबी मेहंदी, राजस्थानी मेहंदी, क्रिस्टल मेहंदी, टैटू मेहंदी शामिल हैं. आम धारणा के अनुसार, गहरे रंग की मेहंदी का रंग, अधिक उसके पति उसे प्यार करेंगे.
भारतीय गरीबी
भारत में लोगों के चालीस प्रतिशत गरीबी रेखा के नीचे हैं. गरीबी के लिए मुख्य कारणों धन असमानता है. हालांकि भारत तेजी से विकसित कर रहा है, यह भी उतना ही नहीं है. शहर गांवों से और अधिक जल्दी से विकसित होते हैं. एक परिणाम के रूप, जबकि गांव बढ़ रहे हैं, वे अपेक्षाकृत गरीब हो रही है. यह एक बड़ी समस्या है. तथापि, अगले पांच वर्षों में, बहुत लोग भारत में गरीबी से बाहर आ जाएंगे. वह विकास के मरे है. इसके अलावा और इस की वजह से भूख भी बहुत मुसीबत है. कई लोगों को नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं. इस की वजह से वे कुपोषित हो जाते हैं. तो कुपोषित की वजह से लोग बहुत काम नहीं कर सकते हैं. इसी तरह से एक दुष्चक्र पैदा होता है. इसके अलावा, वहाँ कई अन्य समस्याओं गरीबी की वजह से हैं. एक ऐसी समस्या है निरक्षरता है. जब एक परिवार इतना पैसा नहीं है, अपने बच्चों को स्कूल भेजनेइ बहुत मुश्किल हो जाता है. स्कूल नहीं जाने की वजह से , इन बच्चों के कई अवसर प्राप्त नहीं है. कुपोषण की तरह, यह भी एक दुष्चक्र बन जाता है. जबकि यह सब होने वाली है, कुछ लोग हैं जो मदद करना चाहते हैं. विदेशी सहायता के रूप में कई लोगों को पैसे भेजते हैं. तथापि, यह एक प्रमुख भ्रष्टाचार के कारण समस्या है. वहाँ एक बड़ा काला बाजार है. इसका मतलब है कि लोग अपने पैसे अवैध रूप से पकड़ते हैं. यह काला धन कहा जाता है. यह पैसा नहीं लगाया जा सकता है. और यह अधिक भ्रष्टाचार का कारण बनता है. हो सकता है हम अपने आप से पूछना क्या करने के लिए आवश्यक है. मेरी प्रतिक्रिया है कि इस समस्या को हल करने के लिए हम पहली बार भ्रष्टाचार को हल करना चाहिए.
Tuesday, 10 April 2012
dowry system
दहेज़ एक प्रकार का भुगतान होता है, जो शादी पक्की करने से पहले दे जाती है. लड़की वालो अपनी दुल्हन को विदा करतें हैं और उसके साथ पैसे, सोना, और और भी प्रकार के महेंगे चीज़े देते हैं. ये लड़की वालो के लिए बहुत बड़ा बोझ होता हैं. दहेज़ की वजह लड़कियों को बोझ मन जाता हैं और सब लोग चाहतें हैं की घर में जब वंशज पैदा हो, तो वह सिर्फ लड़का हो, लड़की नहीं. इस लिए औरतों को बहुत सहना पड़ता हैं, और सोसाइटी में औरत मर्दों से कम देखा जाता हैं. दहेज़ की वजह से काफी औरतों की जान भी गयी हैं, मारा मरी मैं. दहेज़ को १८६१ में भारत के सर्कार ने मना किया था, लेकिन अभी भी कोई लोग दहेज़ के चक्कर में शामिल हो जातें हैं, कानून के खिलाफ.
Monday, 9 April 2012
indian poverty- garrett
भारत में निर्धनता एक बड़ा समस्या है इस क्यों की ज्यादा लोगों भारत में गरीब है इस लिए यह बहुत मुश्किल सब लोगों को खाना दे करता है और अगर बहुत लोगों के पास खाना नहीं है तो बहुत लोगों को भी भूख आया इस लिए बहुत लोगों भी मरेगे भारत मैं सब तीन का एक लोगों दुनिया का गरीब लोगों है लगभग भारत के लोगों का आधा गरीब हैं इस एक समस्या है क्यों की ये लोगों दावा के लिए नहीं वेतन सकता है इस लिए जब कुछ लोगों मर गाए कब अमेरिकेन के लोगों इन वजह से मर नहीं गाए हम अमेरिकेन के लोगों भारत के गरीब लोगों को मदुद कर चाहिए इस क्यों की अमेरिकेन के लोगों के पास बहुत रुपये है अमेरिकेन के लोगों भारत के लोगों से बहुत आमिर है अमेरिकेन लोगों भी उन के रुपये बहुत बिताता हैं
और अमेरिकेन लोगों रुपये कपरों, तकनीक और बहुत खाना बिताता है इस बजाय से अमेरिकेन के लोगों रुपये बिताना चाहिए गरीब लोगों मदुद कर चाहिए भारत में बहुत बाचे के भार ज्यादा छोटी हैं इस लिए बहुत भारत के बच्चे उदास आया इस बहुत ख़राब है भारत में ज्यादा खेती बन चाहिए इस क्यों की अगर ज्यादा खेती बनता है तो भारत के लोगों के पास ज्यादा खाना हैं भारत के सर्कार ज्यादा खेती बन रहा है लेकिन भारत की सरकारी ज्यादी रुपये ज़रूरत लेता है इस लिए अमेरिकेन के लोगों अमेरिकेन लोगों भारत के खेती कोम्पनिएस को कुछ रुपये देना चाहिए तो भारत के लोगों ज्यादा खेती बन सकता है भारत में निर्धनता भी समस्यों आता है बहुत लोगों भारत में निरक्षरता हैं जब लोगों निर्श्रता हैं जब इन लोगों ज्यादा रुपये नहीं कम सकता है और लोगों अच्छा स्कुल को नहीं जाता हैं इस लिए ज्यादा भारत के बच्चे सीख नहीं सकता हैं
और अमेरिकेन लोगों रुपये कपरों, तकनीक और बहुत खाना बिताता है इस बजाय से अमेरिकेन के लोगों रुपये बिताना चाहिए गरीब लोगों मदुद कर चाहिए भारत में बहुत बाचे के भार ज्यादा छोटी हैं इस लिए बहुत भारत के बच्चे उदास आया इस बहुत ख़राब है भारत में ज्यादा खेती बन चाहिए इस क्यों की अगर ज्यादा खेती बनता है तो भारत के लोगों के पास ज्यादा खाना हैं भारत के सर्कार ज्यादा खेती बन रहा है लेकिन भारत की सरकारी ज्यादी रुपये ज़रूरत लेता है इस लिए अमेरिकेन के लोगों अमेरिकेन लोगों भारत के खेती कोम्पनिएस को कुछ रुपये देना चाहिए तो भारत के लोगों ज्यादा खेती बन सकता है भारत में निर्धनता भी समस्यों आता है बहुत लोगों भारत में निरक्षरता हैं जब लोगों निर्श्रता हैं जब इन लोगों ज्यादा रुपये नहीं कम सकता है और लोगों अच्छा स्कुल को नहीं जाता हैं इस लिए ज्यादा भारत के बच्चे सीख नहीं सकता हैं
Illiteracy -- निरक्षरता
निराक्षारते का समस्या
निरक्षरता एक बड़ा और बुरा समस्या भारत में है। भारतीय लोगों से ७५% पढ़ और लिख सकते हैं, तो २५% नहीं पढ़ और लिख सकते हैं -- २५% निरक्षर हैं। दुनिया में औसत सक्षारते की दर ८४% है। कुछ देश के सक्षारते की दरों भारत के सक्षारते की दर से बुरे हैं लेकिन भारत में सब से ज्यादा निरक्षरता लोग हैं। भारत में आदमियों के सक्षारते की दर ८२% है लेकिन औरतों के सक्षारते की दर सिर्फ ६५% है। जब लोग नहीं पढ़ और लिख सकते हैं तब उनकी ज़िन्दगी के अवसरों कम होंगे। जो लोग साक्षर हैं, वे खुद और अपने बच्चों के लिए अवसरों की तलाश करते हैं। लेकिन जो लोग निराक्षार हैं, उनको ज्यादा दुनिया के बारे में मालूम नहीं और वे आसानी से चकमा दिए जाते हैं। भारत में ज़्यादातर निरक्षर लोग ६ प्रदेशों में हैं (उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल) जिन में बहुत गरीब लोग रहते हैं। ये बहुत बुरी बातें हैं।
निराक्षारते का एक कारन ये है कि भारत में धन कि असमता बहुत ज्यादा है। गरीब लोगों और उनके बच्चों और बच्चियों को हमेशा काम करना पड़ेगा। अगर काम नहीं करेंगे तो खाना नहीं खाएं। और जब स्कूल जाते हैं तब उनके स्कूलों में अच्छे शिक्षक और अच्छी किताबें नहीं है। कम्प्यूटर भी नहीं हैं। भारत में अच्छे स्कूल बहुत महंगे हैं। और भारत के गरीब लोगों के पास इतने पैसे नहीं है तो अपने बच्चे अच्छे स्कूल तक नहीं भेज सकते हैं। भारत के सर्कार को बहुत ज्यादे पैसे शिक्षे पे खर्चे करने चाहिए। अभी भरात का सर्कार बहुत पैसे "आधार" के अक्र्यक्रम पर खर्चा कर रहे हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के बजाय शिक्षे पे पैसे खर्चने की ज़रुरत है। शिक्षा देश के विकास के लिए बहुत अहेम है।
कुछ जानकारी इस निबंध के लिए इन वेबसाइटों से है:
http://en.wikipedia.org/wiki/Literacy_in_India
http://en.wikipedia.org/wiki/Indian_states_ranking_by_literacy_रेट
http://en.wikipedia.org/wiki/Unique_Identification_Authority_of_India#Projected_costs_and_business_opportunities
भ्रष्टचार
भारत में भ्रष्टचार एक बहुत ही बड़ा समस्या हैं. भारत में लोग सरकारी से असंतुष्ट है क्यों की उन को भारत की हालत तीख करवानी है, लेकिन लोग नहीं मानते है की रिश्वत देने में भारत दूसरी देशों से पीछे हो जाती हैं. इस लिए, अगर भारत भ्रष्टचार को खतम कर सकती हैं, तो भारत की सरकारी इज्ज़त से देखि जायगी.
करीब ९५ प्रतिशत के राजनेताओं, पुलिस, और न्यायाधीशों रिश्वत ले रहे है. जनता में करीब ५५ प्रतिशत रिश्वत कम से कम एक बार दिए है. अगर रिश्वत देना इतना साधारण है, तो जिन लोग के पास पैसा नहीं है, वे क्या करेंगे? अगर भारत पेसे के भीटर काम चलवाती है, तो सिर्फ अमीर लोग को सुविधा मिलेगी.
कह सकते है की भ्रष्टचार भारत को बदने में नहीं रोक रहा है, लेकिन लोग को सोचना है की भारत एक और भी अच्छा देश बन पाटा भ्रष्टचार के बिना. भ्रष्टचार सब के लिए कीमत बढाती है - भारत के लोग के लिए और दुसरे देशों जिसके के साथ भारत व्यापार कर रही हैं. भ्रस्थ्चार की वजह से भारत की शेयर बाजार सब से ख़राब थी (मुसलमानों देशों को छोड़कर).
भारत की सरकार कुछ कर रही है, जैसे अन्दिमुत्हू रजा, कैबिनेट मंत्री, जो २ जी टेलीकॉम लाइसेंस का निरीक्षण, गिरफ्तार किया गया. महारास्त्र का मुख्यमंत्री निकाल दिया गया क्यों कि वह एक संपत्ति घोटाले में था. लेकिन भारत को और कुछ करना परेगा, और लोगों की पुर्वग्रह बदलनी परेगी.
करीब ९५ प्रतिशत के राजनेताओं, पुलिस, और न्यायाधीशों रिश्वत ले रहे है. जनता में करीब ५५ प्रतिशत रिश्वत कम से कम एक बार दिए है. अगर रिश्वत देना इतना साधारण है, तो जिन लोग के पास पैसा नहीं है, वे क्या करेंगे? अगर भारत पेसे के भीटर काम चलवाती है, तो सिर्फ अमीर लोग को सुविधा मिलेगी.
कह सकते है की भ्रष्टचार भारत को बदने में नहीं रोक रहा है, लेकिन लोग को सोचना है की भारत एक और भी अच्छा देश बन पाटा भ्रष्टचार के बिना. भ्रष्टचार सब के लिए कीमत बढाती है - भारत के लोग के लिए और दुसरे देशों जिसके के साथ भारत व्यापार कर रही हैं. भ्रस्थ्चार की वजह से भारत की शेयर बाजार सब से ख़राब थी (मुसलमानों देशों को छोड़कर).
भारत की सरकार कुछ कर रही है, जैसे अन्दिमुत्हू रजा, कैबिनेट मंत्री, जो २ जी टेलीकॉम लाइसेंस का निरीक्षण, गिरफ्तार किया गया. महारास्त्र का मुख्यमंत्री निकाल दिया गया क्यों कि वह एक संपत्ति घोटाले में था. लेकिन भारत को और कुछ करना परेगा, और लोगों की पुर्वग्रह बदलनी परेगी.
HW 20: Bhaarat ka Samasya
भारत में जनसँख्या एक बड़ा समस्या है. यह समस्या है क्योंकि बहुत सारा गरीब भारत में हैं. मुंबई में, १५ मिलिओं लोग बेघर हैं. जब जनसँख्या बढता है, तो और भी लोग गरीबी में पैदा होते हैं. भारत विकासशील देश है और मुशकिल है, अर्थव्यवस्था बदना जब देश और-और लोगओं के लिए प्रदान पड़ते है. अगर भारत अमीर बन जाएगा, तो जनसँख्या अभी भी समस्या हो जाएगा क्योंकि वह पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी नहीं है.
इस समस्या के लिए कई कारण हैं. एक कारण है की गाँव में, एक और बच्चा मतलब एक और कामगार, तो परिवार बड़े होते हैं.
भारत में बहुत गरीबी है. जब लोग गरीब हैं, तब वे गर्भनिरोधक खरीद नहीं कर सकते. ३० मिलिओं भर्तियाँ गर्भनिरोधक चाहते हैं लेकिन वे उस मिल नहीं सकते. सर्कार को गर्भनिरोधक को घूम देने चाहिए.
दूसरी बात है की भारत में, लोग गर्भनिरोध के बारे में नहीं सीखते हैं. अगर वे पैसा है, तो वे शायद कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियां नहीं करीदें. इसलिए, यौन शिक्षा ज़रूरी है.
सामान्य रूप में, शिक्षा ज़रूरी है. शोध से पता चलता है की शिक्षा के वजह से जनसँख्या हो जाता है. यह होता है क्योंकि शिक्षित महिलाओं नौकरी मिल सकते हैं और वे छोटे परिवार बाद में शुरू करती हैं. इसलिए सरकार को ज़रूरी बनना चाहिए, की हर लड़की शिक्षित है.
भारत कुछ प्रगति कर रहा है. पिछले ५० साल में, प्रजनन दर कम हुई. हर औरत के ३.४ बच्चे हैं, ६ नहीं. लेकिन यह परिशाम पूरा अकपट नहीं है. १९७०स में, इन्धिरा गांधी ने नसबंदी शिविर बनवाया और यह मानव अधिकारों के उल्लंघन था. आजकल सर्कार शायद चीन के तरह "एक बच्चा" नीयम बनेंगे, लेकिन मुझे लगता है, की यह अच्छी बात नहीं है. लोग उनके बेटियाँ मारेंगे या गर्भपात मिलेंगे थकी वे बेटा हो सकता है, क्योंकि हिन्दुस्तानी संस्कृति में, लड़के लड़कियों से अच्छे हैं.
इस समस्या के लिए कई कारण हैं. एक कारण है की गाँव में, एक और बच्चा मतलब एक और कामगार, तो परिवार बड़े होते हैं.
भारत में बहुत गरीबी है. जब लोग गरीब हैं, तब वे गर्भनिरोधक खरीद नहीं कर सकते. ३० मिलिओं भर्तियाँ गर्भनिरोधक चाहते हैं लेकिन वे उस मिल नहीं सकते. सर्कार को गर्भनिरोधक को घूम देने चाहिए.
दूसरी बात है की भारत में, लोग गर्भनिरोध के बारे में नहीं सीखते हैं. अगर वे पैसा है, तो वे शायद कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियां नहीं करीदें. इसलिए, यौन शिक्षा ज़रूरी है.
सामान्य रूप में, शिक्षा ज़रूरी है. शोध से पता चलता है की शिक्षा के वजह से जनसँख्या हो जाता है. यह होता है क्योंकि शिक्षित महिलाओं नौकरी मिल सकते हैं और वे छोटे परिवार बाद में शुरू करती हैं. इसलिए सरकार को ज़रूरी बनना चाहिए, की हर लड़की शिक्षित है.
भारत कुछ प्रगति कर रहा है. पिछले ५० साल में, प्रजनन दर कम हुई. हर औरत के ३.४ बच्चे हैं, ६ नहीं. लेकिन यह परिशाम पूरा अकपट नहीं है. १९७०स में, इन्धिरा गांधी ने नसबंदी शिविर बनवाया और यह मानव अधिकारों के उल्लंघन था. आजकल सर्कार शायद चीन के तरह "एक बच्चा" नीयम बनेंगे, लेकिन मुझे लगता है, की यह अच्छी बात नहीं है. लोग उनके बेटियाँ मारेंगे या गर्भपात मिलेंगे थकी वे बेटा हो सकता है, क्योंकि हिन्दुस्तानी संस्कृति में, लड़के लड़कियों से अच्छे हैं.
poverty
हर देश में गरीबी होती हैं लेकिन कुछ देशों में, जैसे भारत, गरीबी के कारण बोहुत समस्या होती हैं. भारत में ही दुनिया के तिहाई गरीबी हैं. गरीबी बोहुत बुरी होती है क्योंकि लोगों को घर नहीं है और खाना नहीं मिलता है. जब भारत में सड़क पर चलते है, तो बोहुत गरीबी नज़र आती है. भारत का जनसँख्या बोहुत बड़ी है और इसी लिए भारत बोहुत गरीबी हैं. हज़ारों लोग रहते हैं पर काम और रहने की जगह नहीं सिमट. फिर, जनसँख्या के वजह से आचे शिक्षा मिलने कठिन होते हैं. गाव में गरीबी नज़र आते हैं क्योंकि वहां भी शिक्षा कम होते हैं. सब लोग आची शिक्षा नहीं पा सकते नहीं क्योंकि अमीर लोग बेहतर स्कूल में जाते हैं, और इसके वजह से बेहतर नौकरी मिलती हैं. सरकारी जनता को मदद करना चाहिए लेकिन समस्या अब तक बोहुत बड़ा हैं, और सकरी का मदद के बिना कुछ नहीं होते हैं. सरकारी खाने और कर्जा देने कोशिश करते हैं, लेकिन समस्या अभी भी बड़ा है. भारत का एक बड़ा समस्या है की धन सिर्फ कुछ लोगों के पास हैं, और अधिकाश लोग गरीबी में जीते हैं. कुछ लोग बड़े मकान बनवाते है और छुट्टी पे जाते हैं जब दुसरे लोग नाश्ता नहीं मिलता है, और यह एक दुःख की बात है. भारत का संस्कृत में परिवार और मित्रों के मदद की परंपरा है, तोह अमीर लोगों को धन बाटना चाहिए. अमीर लोग गरीबी लोगों को मदद करना चाहिए, जैसे नौकरी बनाने और पैसे देने में. धन लोगों को अलग अलग करते हैं, लेकिन हम सब सिर्फ मानुष हैं, और दुसरे की मदद हमारे फ़र्ज़ हैं. अगर हमको गरीबी कम करना चाहते हैं, तोह बोहुत कुछ होना चाहिए, जैसे जनसँख्या कम करने में लोग सिर्फ एक दो बच्चों होना चाहिए, शिक्षा बदना चाहिए, और भ्रस्ताचार कम करना चाहिए. फिर, सरकारी को और भी मदद करना चाहिए. सबसे विशेष बात है की भारत का जनता उनके भाई बहनों को मदद शुरू करना चाहिए.
भ्रष्टाचार की समस्या
भारत में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी मुसीबत बन गयी है | लोगों को किसी भी चीज़ करने के लिए रिश्वत देना पड़ता है | अगर किसी को एक ड्राइविंग लाइसेंस या पैसपोर्ट बनवाना है, उसके लिए रिश्वत देना परता है | यह इसलिए हो रहा है क्योंकि जो लोग अक्सर सर्कार में काम करते हैं, उन लोगों की तनखा ज्यादा नहीं होता है, लेकिन रिश्वत मांगने से वे बहुत ज्यादा पैसा बना सकते हैं , और कोई भी नहीं है रोकने के लिए | कुछ लोगों ने बताया है की उनको रिश्वत देना पड़ा मौत की प्रमाण पात्र लेने के लिए, जनम की प्रमाण पात्र लेने के लिए, मकान में पानी लगवाने के लिए, और मकान रजिस्टर करने के लिए | अगर किसी पोलिस वाले ने आपको गलत चलते हुए पकड़ लिया, आपको सिर्फ कुछ पैसे देने पड़ते हैं और वह आपको उसी वक़्त जाने देगा | यहाँ तक बढ़ गया है की आजकल कहीं जगा शौचालय इस्तेमाल करने के लिए भी पैसे लगते हैं | ऐसा हो गया है की लोग पैसे के लिए लालची हो गए हैं |
लोग अब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं, और बहुत सारे लोग विरोध कर रहे हैं | कुछ लोगों ने एक नया वेबसाइट खोला है, जहाँ आप पढ़ सकते हैं की लोगों को कहाँ और कितना रिश्वत देना पड़ा | यह वेबसाइट (ipaidabribe.com) पूरी दुनिया को यह भ्रष्टाचार दिखता है | अब तक इस वेबसाइट पर सोलह हज़ार खबर हैं जिस में लोग अपनी खबर बताते हैं, और मिलकर इन लोगों को तैतालीस करोड़ से ज्यादा पैसे देने पड़े | जिन लोगों ने यह वेबसाइट बनाया है, वह कहते हैं की वे इस भ्रष्टाचार को पूरी दुनिया को पेश करना चाहते हैं, और कहते हैं की ऐसे कुछ लोगों को शर्म आ जाएगी, और कुछ लोग अपने डिपार्टमेंट के बारे में देख सकते हैं, जैसे एक प्रबंधक देख सकता है की उसके डिपार्टमेंट में कितना भ्रष्टाचार है , और उसके बारे में कुछ कर सकता है | मेरे ख्याल में इससे भ्रष्टाचार कुछ कम हो सकता है | मेरे ख्याल में जब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जुर्म नहीं बनता है, हालत खराब ही रहेगी | अगर दुसरे देश में चले जाओ, तो लोगों को रिश्वत मांगने से दर लगता है, और ज्यादा से ज्यादा लोग इमानदार होने में गर्व लेते हैं, और ऐसा होना चाहिए भारत में भी |
Sunday, 8 April 2012
मादक की समस्या भारत में
भारत में अपराध का उपस्तित बहुत विभिन्न रूप से देखा जाता है, बन्दूक के व्यापार से इंसान का व्यापार, पर कुछ लोगों को सबसे बरी समस्या मादक का व्यापार है. भारत में ज्यादा सामान्य अवैध मादक भंग, चरस, अफीम और हेरोइन है. जैसा बहुत दुसरे देशों में वैसा भारत में भी एक मादक की समस्या है. अवैध मादक का खपत नै घटना नहीं है. जब तक मादक अवैध था तब तक कुछ लोगों को बुरी आदत थी. जैसा मैंने कहा इस समस्या सिर्फ्त भारत की नहीं है पर मादक का व्यापार सार्वभौम है. तो सरे अवैध मादक भारत को कहाँ से आते हैं? बहुत देश जो भारत के सीमे पर स्थित हैं और भारत के नजदीक हैं वे मादक उत्पादन करने के लिए मशुर हैं. पाकिस्तान और अफ्घनिस्तान में बहुत अफीम के खेत हैं और अफीम से हेरोइन बना जाता हैं. थाईलैंड से भी बहुत मादक के रास्ते हैं. भारत में आम तौर पर औरतों के मुकाबले में मादक का प्रयोग आदमियों में ज्यादा बार है. मादक का प्रयोग गरीब लोगों के बिच में ज्यादा सामान्य है. अपने स्थान के कारण, भारत के सीमे से होकर मादक की बरी मात्रा यातायात किया जाता है. मादक की खेती से कई कई बुरे असर हैं. मादक का प्रयोग सेहत को नष्ट करता है. मादक के असर जब मादक उपयोगकर्ता जवान है तब ज़्यादा बुरे हैं. सेहत के असरों के अतिरिक्त दुसरे भी हैं. मादक का प्रयोग परिवार के संरचने को भी नष्ट कर सकता है.
भारत में दहेज
भारत, बंगलादेश, और पाकिस्तान में दहेज एक लोकप्रिय मुद्दा है. दहेज का मतलब है जब दुल्हन को आपनी शादी के साथ कुछ पैसा, सामान, या संपत्ति उसके घर से लान परता है. दहेज के कारण दुल्हन की परिवार को मुश्किलें हो सकते है. दहेज एक बुरी चीज़ है और इस वजह से परिवार में लड़ाई और बहस आ सकते है. भारत में दहेज लेना और देना कानून के किलाफ़ है. दहेज १९६१ में भारतीय नागरिक कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया था. लेकिन अभी भी कुछ शहरों और गांवों में यह हो रहा है. दहेज बहुत समस्या लता है जैसे बेटियां नहीं चाहना.
भारत एक देश है जो लड़कियों को एक बोज कहा जाता है क्योंकि लड़कियों के पलना बहुत महंगे होता है. जब लड़कियों बड़े हो जाते है तो उनके शादी के लिए बहुत पैसे लगते है. इस लिए भारतीय लोग बेटे चाहते है और बेटीया नहीं. दहेज के कारण अनेक शादिया भी कम समय के लिए रहती है. दहेज के कारण तलक होता है और महिलाओं पर अत्याचार. पति और उनके परिवार पत्नी से बुरा व्यवहार करते है अगर दुल्हन आचे दहेज अपने घर से नहीं लता. इससी लिए भारत में दहेज लेना और देना कानून के किलाफ़ है.
जिस छोटे या बारे गांवों में दहेज अभी भी दिया और लिया जाता है एक बहुत बार अपरद है. अगर किसी ने पोलिसे या सर्कार को यह कहता है के किसी ने दहेज महंगे तो उससे एक टिकट मिलेगा. लेकिन यह नहीं होता क्योंकि जिस गांवों में यह होता है, उसके लोग अनपढ़ या किसी दवाव में आकर यह दे देती है. दहेज भारितीय लोग की लिए आचा नहीं है और मुझे लगता है की और ज्यादा मदद की ज़रूत है. मैं चाहता हूँ की कोई उस गांवों में जाये और उनको बताये की दहेज एक बुरी बात है और उसको हमको कतम करनी चाहिए.
भारत एक देश है जो लड़कियों को एक बोज कहा जाता है क्योंकि लड़कियों के पलना बहुत महंगे होता है. जब लड़कियों बड़े हो जाते है तो उनके शादी के लिए बहुत पैसे लगते है. इस लिए भारतीय लोग बेटे चाहते है और बेटीया नहीं. दहेज के कारण अनेक शादिया भी कम समय के लिए रहती है. दहेज के कारण तलक होता है और महिलाओं पर अत्याचार. पति और उनके परिवार पत्नी से बुरा व्यवहार करते है अगर दुल्हन आचे दहेज अपने घर से नहीं लता. इससी लिए भारत में दहेज लेना और देना कानून के किलाफ़ है.
जिस छोटे या बारे गांवों में दहेज अभी भी दिया और लिया जाता है एक बहुत बार अपरद है. अगर किसी ने पोलिसे या सर्कार को यह कहता है के किसी ने दहेज महंगे तो उससे एक टिकट मिलेगा. लेकिन यह नहीं होता क्योंकि जिस गांवों में यह होता है, उसके लोग अनपढ़ या किसी दवाव में आकर यह दे देती है. दहेज भारितीय लोग की लिए आचा नहीं है और मुझे लगता है की और ज्यादा मदद की ज़रूत है. मैं चाहता हूँ की कोई उस गांवों में जाये और उनको बताये की दहेज एक बुरी बात है और उसको हमको कतम करनी चाहिए.
प्रदुषण की समस्या
विवेक
प्रदुषण की समस्या
दो प्रदुषण के सबसे बड़ा समस्या लोगो के सहेत और कम प्रदुषण की नियम है. पहले, प्रदुषण बहुत खतरनाक है क्यों की यह लोगो और जानवरों की सहेत पर बहुत असर पड़ रहे है दुनिया में ये अलग अलग प्रदुषण प्रकार है ये गैसों, रसायन, और कचरा है. बहुत बुरा गैसों वाताबर्ण के लिए बहुत खतरनाक है. क्यों की गैसों इर्द-गिर्द झिली में गुराख करते है. इस वजह से मौसम बदलते है. मौसम में बदलाव बहुत खराब है क्यों की ये किसान असर पड़ रहे है उसके फसल ख़राब हो जाते है और ऋतू बदला जाती है ख़राब गैसों साँस लेने के लिए अच्छा नही है लोगों के फेफड़े ख़राब हो जाते है और वे कैंसर मिलेंगे. रसायन के प्रदुषण नदी और समुद्र असर पड़ रहे है कुछ लोग और व्यापार रसायन नदी और समुद्र में डालते है ये ठीक नही है रसायन नदी और समुद्र नष्ट कर रहे है और समुद्र के जानवरों मर रहे है इस वजह से मछुआ काम नही कर सकते है गाव में नदी साफ़ नही है और गाव के लोग पानी साफ़ नही कर सकते है तो वे ये पानी पीना पड़ते है. तो गाव में लोग के सहेत बहुत खराब है. इससे पानी प्रदूषित हो जाता है, उसकी गुणता घट जाती है, जलीय पर्यावरण को प्रभावित करती है। प्रदूषक नीचे भूतल में जाकर भी जल को प्रदूषित कर देते हैं।
दुसरे के समस्या, आज कठोर नियम प्रदुषण के लिए नही है. अगर ये गैसों और रसायन के नियम है तो शायद लोगों के सहेत सुधरेगे. भविष्य में प्रदुषण सिर्फ बढोतरी हो जाएंगे. तो ये हमारा धर्म है की हम दुनिया को साफ़ बनाना चाहता है मेरे ख्याल से अब दुनिया का प्रदुषण बहुत ख़राब है और अगर प्रदुषण कम नही होती है तो कई लोग और जानवर चोट जाएगे.
ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वार्मिंग १९ वी सदी से चल रही है। पृथ्वी का वातावरण बड रहा है। २० वी सदी के शुरू में प्रुथ्फी का वातावरण १.४ डिग्री फ़रन्हेइत से बड गया। वैज्ञानिको सोचते है कि इसका कारण ग्रीन्हौसे गसेस है। पृथ्वी का वातावरण का परिवर्तन पानी पर बहुत असर पड़ता है। कोई ४०० से ज्यादा देशों को पानी की कमी से खतरा है। ग्लोबल वार्मिंग कि वजह से किसानो को मुश्किल हो रही है। पानी की कमी के वजह से फसल नहीं है।वही नहीं उत्तरी ध्रुव और दक्षिण ध्रुव में बरफ पिगल रहीं है। इस से ध्रुव्य भालुओं की संख्या कम हो रही है।
कुछ लोग कहते है कि ग्लोबल वार्मिंग नहीं हो रहा है। कहते है कि कुछ सदी पहले सब आइस एज के बारे में बात कर रहे थे और अब ग्लोबल वार्मिंग संभव नहीं है।उनका कहना है कि पृथ्वी गरम हो रही है प्राकृतिक रूप से और मनुष्य के व्यवहार इस वातावरण कि परिवर्तन जल्दी बड़ा रही है। ग्लोवल वार्मिंग प्राकृतिक है। एक उदहारण, पिचले साल बरफ गिरना जल्दी शुरू हुआ है और कई महीने तक ठंड था। लेकिन मैं सोचती हूँ कि ग्लोबल वार्मिंग है क्योंकि इस साल मार्च में बहुत गर्मी है और हमें ग्लोबल वार्मिंग को रोकना चाहिए।
ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए हमें प्लास्टिक, अख़बार, कागज़ और वगेहरा रीसैकिल करना चाहिए। प्लास्टिक का कम उपयोग करना चाहिए। बिजली के बल्ब भी बदलना चाहिए। गैस का कम उपयोग करना चाहिए। यह करने के लिए कार का कम उपयोग और ज्यादा चलना चाहिए। इस से सेहत पर भी अच्छा असर पड़ेगा। यही नहीं अगर घर में कोई नही है तो बिजली बंद कर देना चाहिए। अगर पेड़ लगाने के अवसर मिला तो पेड़ लगाना वातावरण के लिए अच्छा होगा।यह छोटे कम करने से हम सब ग्लोबल वार्मिंग को बड़ने से रोक सकते है।
जनसंख्या की समस्या - अवि अमिन
भारत एक छोटा देश है। बहुत गर्मी भी है। फिर भी बहुत लोग भारत में रहते हैं। भारत में १.२ अरब लोग हैं। यह एक बड़ी समस्या है। भारत में बहुत गरीब लोग हैं। और गरीब लोग बाहर रहते हैं क्योंकि वे घरों बर्दाश्त नहीं कर सकते। ये लोग भिखारी हैं और वे पैसे के लिए लोगों से पूछते हैं। ये लोग सड़क पर जाते हैं और पूछते हैं। इस लिए भारत में कोई भी ड्राइव नहीं कर सकते हैं। लोगों को कम से कम दो या तीन बच्चे हैं। लड़कियां बहुत कम अम्र में शादी करती हैं। और फिर लड़कियां कम अम्र में बच्चों को जन्म देती हैं। कई लोगों के पास गाडी नहीं है तो वे पैर से चलते हैं। ये एक बिग समस्या है क्योंकि लोग सड़क पर चलते हैं और गाड़ियाँ नहीं जा सकती हैं। जो लोग काम करते हैं वे लोग दफ्तर समय पर नहीं आते हैं। सर्कार को कोई नियम नहीं है। लोग मानते नहीं है कि भारत में यह समस्या है। वे लोग इधर-उधर चलते है क्योंकि उन को मालूम नहीं है कि लोगों को काम पर जाना है।एक और समस्या है कि लोगों कचरा हर जगह फेंकते हैं। जनसंख्या का देश में लोगों को कचरा के बारे में परवाह नहीं है। सरकार नियम निर्धारित करना चाहिए। अन्यथा, लोगों जो भी करना चाहता हैं, वे काम करेंगे। एक नियम होना चाहिए कि शादीशुदा जोड़े को सिर्फ दो बच्चे के जन्म देना चाहिए। इस नियम से जनसंख्या कम हो जाएगा क्योंकि जो लोग अवज्ञा करेंगे, उन लोगों को सज़ा मिलेंगे। दूसरी नियम होना चाहिए कि लोगों को सिर्फ फूटपाथ पर चलना चाहिए। यह गाड़ियाँ कि मदद लिए है। लोगों को तेजी से काम करने के लिए जा सकते हैं। तीसरे समस्या है कि लोगों को कचरा बिन में कचरा फेकना चाहिए। यह भारत को साफ रखने में मदद मिलेगी।
भ्रष्टाचार
हम एकीस्वी सदी में जी रहें हैं, और इस इस्किवी सदी में भारत एक नए दौर से गुज़र रहा हैं. इस नये दौर कई अची चीज़े हुईं हैं जेसे, उन्नत प्रौद्योगिकी, बेहतर सफाई, और लोगों की जीवन की गुणवत्ता अची हुई हैं. लेकिन, इन अचैयों के साथ, एक नयी समस्या जो पैदा हुई हैं, उसका नाम हैं भरष्टाचार. भारत में, इतनी तार्राकी के बाद बे भी बहुत गरीबी हैं. इस गरीबी के कारन लोगों को गेर्कानुनी ज़रियों से पैसे बनाने पढ़ते हैं. भ्रस्ताचार जेसे भारतीय जीवन एक हिस्सा हैं. चपरासी से ले कर प्रधानमंत्री इसके जिकड में हैं. इस भारस्ताचार के कारन, अन्य देशों की तुलना में, भारत में विकास की गति बहुत धीरे हैं. किसी भी नये परियोजना में, पहले सभी पक्षों को अपना "हिसा" मिलना चाहिए तभी वह परियोहन को आगे भादने देतें हैं. इसके कारन, धन का दुरूपयोग होता हैं, और कम धन के कारन परियोजन में कटौती करनी पढ़ती हैं. इन कटौतियों के कारन, हल ही में बहुत सरे दुर्घटना हुयें हैं जिसमे बहुत लोगों की मौत हुई.
भ्रस्ताचार के कारन सबे पड़ी परेशानी आम आदमी को झेलनी पढ़ती है, जिसके लिए कोई भी सरकारी काम एक भोज बन जाता हैन. आज के समाज में बहुत लोग घर और ज़मीन खरदीना चाहते हैन, लेकिन भ्रस्ताचार के कारन यह कम आसन नहीं है. पेसे देने के बाद भी लोगों को सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने पढ़ते है क्यूंकि, पहले तो सरकी दफ्तर बहुत अक्षम है, और सरकारी कर्मचारी कोई भी फाइल आसानी से नहीं बढ़ाते अगर उसपे "अतिरिक्त पेसे" का ज़ोर नहीं है. इसका प्रदर्शन भारतीये हीट टीवी प्रोग्राम 'ऑफिस ऑफिस' में बहुत अची तरह से किया गया है.
भार्स्ताचार एक बढती अर्थव्यवस्था दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम है. तबभी, हमारी पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है की हम भर्ष्टाचार को जड़ से निकाल फेकने. यह करने के सब लोगों को अपने से बढ़ कर सोचना पड़ेगा, और हमारी मेहनत देश की उन्नति में लगनी होगी. जो भी भर्ष्टाचार करेगा, उसके सकत से सकत सजा मिलनी चाहिए. यह करने से, हमारा भारत अपनी असली क्षमता पे बहुत जल्दी पहुच सकता है.
अभाव - रीना जोशी
अभाव एक बुरा शब्द है. लेकिन जीवन में अभाव एक सच हैं. भारत में बहुत अभाव है. भारत में कोई ४१.६% के लोग गरीब है. दुनिय में भारत तीसरी गरीब देश हैं. ये बहुत दुखी बात है. भारत के गरीब लोग झोपडी में रहते है. इस झोपडी में गरम पानी नहीं है और बिस्तर भी नहीं हैं. एक कमरा में पांच और छ: लोग सोते हैं. और बारिश में सब कुछ गिला होता हैं क्यूंकि चादर अच्छा नहीं हैं बहुत कमजोर है. इसके वजह से बहुत बीमारियाँ होते है गरीब लोग को. और फिर उसके पास हेअलथ इन्सुरांस नहीं है और वे जवानी में मरते हैं. उनकी महीना की तनख्वाह दस डालर होती है. और गरीबी के कर्ण भ पड़ने के बदले में वे कम पे जाते हैं. गरीब लोग गद हाल में रहते हैं. १९५०स से सरकार ने बहुत नियम किये गरीब लोगों के लिए. लेकिन अभाव भारत में हर कोने में है. तो ये नियम मुश्किल से लाग हैं. यदि प्रधानमंत्री है तो में हर कोने में जाती हूँ और गरीब लोगों को सिकती हूँ. भारत का अर्थ्रार्त्रिय ग्रोव्थ बहुत असंगत से हुआ. भारत में बहुत मुश्किल हैं लेकिन अभाव बड़े परिवार से होता है. जब एक आदमी को बड़ा परिवार होता है तो उसका कम बढता है और फिर उसके पास बहुत पैसा चहिये. एक फिल्म अभाव के बारे में हैं. यह फिल्म का नाम स्लुम्दोग मिल्लिओनैरे हैं. यह अच्छा था. इस में दो गरीब भाई हैं. अभाव लोगों को कैसे परेशान कर सकता हैं इस में फिल्म ने दिखाया हैं. मुझे यह फिल्म पसंद हैं क्योंकि अभाव एक बुरी चीज़ हैं और इस जैसे फिल्म देखकर लोग को पता चलता हैं की दुसरे लोग कितनी बुरी हालात में रहते हैं. लेकिन सिर्फ देखना अच्छा नै हैं, हम सभ को अभाव को कतम करने की कोशिश करनी चाहिए.
भारत में रोग
भारत में कई रोग होते है । कुछ रोगों का इलाज हो सकता है और कुछ रोगों का नहीं हो सकता है । कई बार लोगों के पास पैसे नहीं होते है हॉस्पिटल जाकर अपना इलाज करने के लिए । यह सोचकर मैं उदास हो जाती हूँ । इस के बारे में क्या किया जा रहा है ? अभी तो बहुत कुछ नहीं हो रहा है क्योंकि गरीब लोगों के पास पैसे नहीं होते है । भारत के नेताओं बहुत कुछ नहीं कर रहें हैं । भारत में कई रोग होते है जैसे कि एड्स, मलेरिया, और देंगुए फेवर ।
रोगों के कई कारण होते है । एड्स बहुत तरीकें से फेल सकता है । कई सालों से यह रोग भारत में फेल रहा है । यह बहुत संक्रामक रोग है । यह खून से फेल सकता है । कभी-कभी माँ अपने बच्चे को दे सकती है जब वो बच्चे को जनम देती है । लोग एड्स को ख़तम करने के लिए दवाई ढूँढ़ रहे है । यह एक बहुत खतरनाक रोग है और इस को कम करने के लिए लोगों को इस के बारे में ज्यादा पता होना चाहिए ।
रोगों के कई कारण होते है । एड्स बहुत तरीकें से फेल सकता है । कई सालों से यह रोग भारत में फेल रहा है । यह बहुत संक्रामक रोग है । यह खून से फेल सकता है । कभी-कभी माँ अपने बच्चे को दे सकती है जब वो बच्चे को जनम देती है । लोग एड्स को ख़तम करने के लिए दवाई ढूँढ़ रहे है । यह एक बहुत खतरनाक रोग है और इस को कम करने के लिए लोगों को इस के बारे में ज्यादा पता होना चाहिए ।
मलेरिया एक दूसरा रोग है जो भारत में मिलता है । काम करतें हुए लोगों को रोगों से बहुत परेशानी होती है क्योंकि वे पैसे नहीं कमा सकतें है । यह रोग मच्छर के द्वारे फेलता जा रहा है । इस के लिए दवाई होती है लेकिन फिर भी कुछ लोग मारतें है इस के कारण । इस रोग को कम करने के लिए मच्छर की आबादी कम करनी चाहिए ।
आज कल मैं ने देंगुए फेवर के बारे में बहुत सुनना है । यह रोग भारत में कई जगह पर होता है । यह शेर में भी मिलता है । यह रोग भी मच्छर के कारण होता है । मछार लोगों को काटकर एक विरुस देता है । यह विरुस लोगों को रोग देता है । यह बहुत बुरी बात है । अब के लिए इस रोग के लिए कोई दवाई नहीं है ।
इन रोगों को कम करने के लिए हम बहुत कुछ कर सकतें है । पहली बात यह है कि शिक्षा बहुत ज़रूरी है । अगर लोग इन रोगों के कारण जानते है तो रोग कम हो सकतें है । एड्स के लिए कोई दवाई नहीं है तो शिक्षा ही इस को कम कर सकती है अब के लिए । मलेरिया और देंगुए फेवर को कम करने के लिए मच्छर की आबादी कम करनी पड़ेगी मच्छर की दवाई के साथ । मैं उमीद करती हूँ कि यह रोग कम होगें ।
HW 20 Neha Garg
भारत में गरीब लोग बहुत होतें है और भारत की एक बड़ा समस्या है. आज से लगभग आधी देश गरीब में रहते हैं और अगर हम कुछ नहीं करते हैं फिर यह शायेद बदती जैगी. यदि छोटे शेहेर में जाएँ या बड़े में, गरीब लोग हमेशा दिखेंगे. बच्चे लोग सड़क पर पैसे के लिए मांगते है और टुटा-फुटा घरो में रहते है. कभी कभी एक छोटा लकड़ी वाला घर में कोई दस - ग्यारह लोग रहते है और उनके पास बिजली भी नहीं होती है. रहने के जगह के इलावा, पूरा परिवार को खाना खिलाना बहुत मुश्किल पर जाता है और बहुत कम खाना मिलता है. सबसे गरीब लोग दिन में कुछ दो डोल्लर पर रहते हैं.
गरीब लोग क्यों होतें है? हिंदुस्तान में गरीबो की एक कारन जाति के आधार पर भेद भाव है. भारत में अलग अलग जाति के वजह से लोगों के बिच में परेशानी हो जाती है और फिर इसीलिए कोई लोग आगे निकल जातें है. लोग जो पीछे रह जाते है बड़े मुश्किल से नौकरी मिलती है और पैसे कमाने एक मुसीबत होती है.
गरीब लोग तो हमेशा ही होंगे और हम रोक भी नहीं लगा सकते हैं. लेकिन हम कम करने की कोशिश कर सकते हैं. जभी हम गरीब लोग को मदद कर सकते है, हममे करनी चाहिए और हमेशा भगवन को शुक्रिया कहना चाहिए की उन्होंने हमको बहुत कुछ दिया. जभी हम कुछ चीज़ का शिकायत करते हैं, हम को गरीब लोग के बारे में सोचना चाहिए.
भाषा के समस्याओं
जब यह घोषणा की गई थी की भारत का राष्ट्रिय का भाषा हिंदी है, बहुत लोग नाराज़ थे; भारतीय लोग ने सोचे की भारत का सरकार ने उनके संस्कृति मिटाना कोशिश किया. हिंदी खुद अनिश्च्त रूप से परिभाषित है; उसके १३ विभिन्न बोलियों हैं. लोग पूछ की बजाय, सरकार ने हिंदी आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा बनाना निर्णय किया, लेकिन राज्य सरकारों अपने भाषा निर्णय करना सकते हैं. इस के लिए जबकि हरयाणा, हिमांचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के सरकारी भाषा सिर्फ हिंदी है, आंध्र प्रदेश के सरकारी भाषा तेलुगु है, अरुंचल प्रदेश अंग्रेजी है, अस्सं अस्समेसे है, बिहार मैथिलि और हिंदी हैं, छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी और हिंदी हैं, गोवा कोंकणी है, गुजरात गुजराती और हिंदी हैं, जम्मू और कश्मीर उर्दू है, झारखण्ड हिंदी और संताली हैं, कर्नाटक कन्नडा है, केरला मलयालम और अंग्रेजी हैं, महाराष्ट्र मराठी है, मणिपुर मेइतेइलोन है, मेघालय अंग्रेजी है, मिजोरम मिज़ो है, नागालैंड अंग्रेजी है, उड़ीसा ओरिया है, पुनजब पंजाबी है, सिक्किम नेपाली है, तमिल नाडू तमिल है, त्रिपुरा बंगाली कोकबोरोक और अंग्रेजी हैं, और वेस्ट बंगाल के सरकारी भाषा बंगाली और अंग्रेजी हैं.
अंग्रेजी शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग करना सकता है. लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है की ये सरकारी भाषा के लिए राष्ट्रिय भाषा बनेंगे. तब तक, इन सांस्कृतिक भाषाओं सिर्फ द्वितीय श्रेणी रहते हैं.
जनसंख्या
एक अरब से अधिक लोग हैं जो आज भारत में रहते हैं. भारत में जनसंख्या एक बहुत बड़ा समस्या है. भारत में ज्यादा लोग हैं क्यों कि भारत का परिवार पर बहुत दबाव है एक बेटे के लिए. १९९९ में तिरपन प्रतिशत कि भारतीये बच्चे जो पांच साल से छोटे हैं वे कुपोषण के शिकार थे और सैंतीस प्रतिशत के भारतीये लोग साफ़ पानी नहीं मिलते थे. बॉम्बे भारत में एक शहर है. बॉम्बे में कोई पंद्रह लाख लोग सड़क पर सोते हैं और लगभग जनसंख्या के पच्चीस प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे हैं. १९९९ से ये संख्ये बढ़ रहे हैं. भारत में हर किसी के लिए खाफी संसाधन नहीं हैं. भारत दुनिया में बहुत लोग देते हैं. भारत जनसंख्या को पंद्रह लाख लोग एक साल में बढते हैं. जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने के लिए दो रस्ते हैं. पहेला रास्ता है कि भारतीये लोग को जानना चाहिए हैं कि वे खुद की रक्षा कैसे करने हैं लिंग के लिए. सरकार महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां देना चाहिए और पुरुषों को कंडोम देने चाहिए. ये भारत में अवांछित गर्भावस्था की राशि कम करेंगे. एक दूसरा रास्ता जो भारत कि जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने के लिए है कि सरकार परिवार के बच्चो को लिमिट करने चाहिए. भारत में कई परिवारों लगभग चार या पांच बच्चे हैं. भारत में जनसंख्या एक बड़ा समस्या है और हम को इस समस्या को हल करना चाहिए.
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