मुझे घूमने का बहुत शोक है। मेरी ज़िन्दगी मे मैने बहुत कुछ स्मारकों देखे है; ताज महल, स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी, वाशिंगटन स्मारक लेकिन मेरा मनपसंद स्मारक लिंकन मेमोरिअल है। लिंकन मेमोरिअल वासिंगटन डी सी मे है। लिंकन मेमोरिअल अमेरिका का सोलह राष्टपति का मेमोरिअल है। अमेरिका का सिविल वार के बाद उसकी ह्त्या कर गयी थी।
जब मै छोटा था स्कूल मे हम को यह कहानियाँ कही जाती थी। लिंकन मेमोरिअल के फोटो और फिल्मो भी स्कूल मे दिखाते थे। इस लिए मुझ को लिंकन मेमोरिअल देखने हमेशा जाना चाहता था। जब मुझ को वाशिंगटन जाने का मौका मिला, मै लिंकन मेमोरिअल देखने गया और मुझ को यह स्मारक बहुत खूबसूरत लगा। लिंकन मेमोरिअल एक बहुत ऊँची पहाड़ी पर है। लिंकन मेमोरिअल पहुँचने पहले बहुत सीढ़ियो पार करनी पड़ती है, इतनी सीढ़ियाँ के भारत के मंदिरों याद आते है। ऊपर पहुँचने के बाद सारा वाशिंगटन दिखाए देता है। यहाँ से वाशिंगटन स्मारक और एक बहुत बड़ा कुंद दिखाए देता है।
अन्दर जाते अमेरिका का सोलह राष्टपति, अब्राहम लिंकन की मूर्ति दिखाए देती है। यह मूर्ति बहुत मशहूर है, लोगो बहुत दूर से इस मूर्ति दो देखने को आते है। बहुत लोग इस समारक को पसंद करते है क्योकि यह बहुत खूबसूरत है और इस में इतिहास भी है।
Sunday, 25 April 2010
मेरा मनपसंद त्योहार
मेरा मनपसंद भारतीय त्योहार नवरात्री है। दूसरे त्योहारों एक दिन ही चलते है लेकिन नवरात्री नौ दिन का त्योहार है। हर सितम्बर या अक्टूबर लोगो भारतीय कपडे पहन कर मंदिर जाते है। मंदिर जा कर वे दुर्गा माँ से प्रार्थना करते है और गरबा-रास खेलते है।
नवरात्री मेरा मनपसंद त्योहार है क्योकि जब हम सब छोटे थे, नवरात्री हम सब बच्चो के लिए फिर से मिलने का मौका था। जैसे बड़ो मंदिर के अन्दर गरबा-रास थे, वैसे हम सब बच्चो मंदिर के बाहर फ़ुटबाँल खेलते थे। जैसे मै बड़ा हुँआ, मै फ़ुटबाँल कम खेलने लगा और गरबा-रास मे शामिल होने लगा। जब मै कॉलेज गया, मेरे सब दोस्तों कों गरबा-रास खेलने का बहुत शोक था। मेरे दोस्तों के साथ मै भी नवरात्री पर गरबा-रास खेलने लगा। नवरात्री पर हम गरबा-रास कॉलेज मे और मंदिर मे खेलते थे।
मेरे बचपन से मेरे माता-पिता नवरात्री के हर दिन दुर्गा माँ की पूजा करते थे। पूजा करते-करते हम दुर्गा माँ की आरती भी करते थे। इस आरती मुझ कों बहुत पसंद है। मेरे माता-पिता घर पर आरती गाकर मंदिर जाते थे। मंदिर जा कर वे गरबा-रास खेलते थे और फिर वहाँ आरती गाते थे। बड़े हो कर मै और मेरा भाई नवरात्री पर मंदिर नहीं जाते है।
नवरात्री मेरा मनपसंद त्योहार है क्योकि जब हम सब छोटे थे, नवरात्री हम सब बच्चो के लिए फिर से मिलने का मौका था। जैसे बड़ो मंदिर के अन्दर गरबा-रास थे, वैसे हम सब बच्चो मंदिर के बाहर फ़ुटबाँल खेलते थे। जैसे मै बड़ा हुँआ, मै फ़ुटबाँल कम खेलने लगा और गरबा-रास मे शामिल होने लगा। जब मै कॉलेज गया, मेरे सब दोस्तों कों गरबा-रास खेलने का बहुत शोक था। मेरे दोस्तों के साथ मै भी नवरात्री पर गरबा-रास खेलने लगा। नवरात्री पर हम गरबा-रास कॉलेज मे और मंदिर मे खेलते थे।
मेरे बचपन से मेरे माता-पिता नवरात्री के हर दिन दुर्गा माँ की पूजा करते थे। पूजा करते-करते हम दुर्गा माँ की आरती भी करते थे। इस आरती मुझ कों बहुत पसंद है। मेरे माता-पिता घर पर आरती गाकर मंदिर जाते थे। मंदिर जा कर वे गरबा-रास खेलते थे और फिर वहाँ आरती गाते थे। बड़े हो कर मै और मेरा भाई नवरात्री पर मंदिर नहीं जाते है।
हिन्दुस्तानी शादी के रिवाज
हिन्दुस्तानी शादियों मे बहुत अलग अलग रिवाजे है। मेरा मनपसंद रिवाज है दुल्हा की बरात। हमारे परिवार मे ज्यादा लड़के है इस लिए मैने काफी बारातो मे हिस्सा ले चूका हू।
अमेरिका मे हिन्दुस्तानी शादी की बरात के लिए सब लोग उनके भारतीय कपडे पहन के होटल की पार्किंग लोट मे मिलते है। जब दुलहा आता है, वह घोड़े पर बैठता है और नाच-गाना शुरू होता है। दुलहा के घोड़े के आगे दी जय एक कार मे चलता है। दुलहा के आस-पास कुछ लोग नाचते है, कुछ लोग दुलहा का कैमरा से फोटो खीचते है, और कुछ लोगो मिल कर सिर्फ बाते करते है। बरात एक-दो घंटे चलती है और अंत मे होटल के सामने रुकती है। वहाँ दुलहन का परिवार बरात को मिलने आते है। यहाँ दुलहा की स्वागत होती है और सारे बरातियो शादी के लिए होटल के अन्दर जाते है।
जीतनी मुझे बरात पसंद है, जूते चुराना का रिवाज मुझे पसंद नहीं है। फिल्मो मे यह बहुत मज़ेदार बताते है, लेकिन सच-मुच तो ऐसा नहीं है। जल्दी से दुलहा अपने जूते उनके दोस्तों को दे देता है और दुलहा के दोस्तों जूते छिपा देते है। दुलहन का परिवार को जूते मिलते नहीं है और खेल ख़त्म हो जाता है, फिल्मो जैसा नाटक कभी नहीं होता।
अमेरिका मे हिन्दुस्तानी शादी की बरात के लिए सब लोग उनके भारतीय कपडे पहन के होटल की पार्किंग लोट मे मिलते है। जब दुलहा आता है, वह घोड़े पर बैठता है और नाच-गाना शुरू होता है। दुलहा के घोड़े के आगे दी जय एक कार मे चलता है। दुलहा के आस-पास कुछ लोग नाचते है, कुछ लोग दुलहा का कैमरा से फोटो खीचते है, और कुछ लोगो मिल कर सिर्फ बाते करते है। बरात एक-दो घंटे चलती है और अंत मे होटल के सामने रुकती है। वहाँ दुलहन का परिवार बरात को मिलने आते है। यहाँ दुलहा की स्वागत होती है और सारे बरातियो शादी के लिए होटल के अन्दर जाते है।
जीतनी मुझे बरात पसंद है, जूते चुराना का रिवाज मुझे पसंद नहीं है। फिल्मो मे यह बहुत मज़ेदार बताते है, लेकिन सच-मुच तो ऐसा नहीं है। जल्दी से दुलहा अपने जूते उनके दोस्तों को दे देता है और दुलहा के दोस्तों जूते छिपा देते है। दुलहन का परिवार को जूते मिलते नहीं है और खेल ख़त्म हो जाता है, फिल्मो जैसा नाटक कभी नहीं होता।
Sunday, 18 April 2010
मेरा मंपसुन्द स्मारक
मेरा मंपसुन्द स्मारक ताज महल है। ताज महल भारत में है आगरा शहर में। १६४८ में शाह जहाँ ताज महल निर्माण किया। शाह जहाँ ताज महल निर्माण किया क्योंकि उसको पत्री मर गयी। शाह जहाँ गंभीर बनाने चाहिए उसको पत्री के लिए। शाह जहाँ अन्य महल निर्माण चाहिए स्वयं के लिए। यह महल काला हो जाएगा क्योंकि उसको बेटा "थ्रोन" लिया। और शाह जहाँ का काला महल नहीं बनाया। ताज महल का स्थापत्य बहुत आच्हा है कारन बहुत विस्तार है।ताज महल सफ़ेद संगमरमर से बनाया और सफ़ेद संगमरमर में छोटे-छोटे रंग का पत्थर है। रंग का पत्थर बहुत इरादा में है कुछ इराद फूल है, कुछ लेखन है, और खूबसूरत टाइल है। में ताज महल देखने के लिए गयी थी जब में १४ थी। में और मेरा परिवार बारत गयी थी कारन हमे सुब बारत देखने चाहिए।वह समय पर में और मेरा परिवार जयपुर, उदयपुर, बॉम्बे, आगरा, राजस्थान, और अम्धाबाद गया था।वह ट्रिप बहुत अच्छा था क्योंकि आगरा मेरा पसंदीदा जगह थ। मेरा पसंदीदा शहर था ताज महल के कारन। मुझे संभव है कि में आगरा वापस जाऊंगी। मुझे लगता है कि जब मेरा सेनिओर साल में, मेरे बडे भाई, और मेरी बहन, और मेरी माँ और पिता बारत वापस जाऐगे।
Wednesday, 14 April 2010
गाँधीजी
गाँधीजी का पूर्ण नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है, लेकिन कई लोग उसे महात्मा गाँधी कहते है. गांधीजी गुजरात में पैदा हुए थे. गाँधी जी भारत के एक राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान. गाँधीजी के दर्शन का नाम सत्याग्रह था. सत्याग्रह का मुख्य शिक्षण अहिंसा था. गांधीजी का जन्मदिन २ अक्टूबर है. भारत से आने पहले गांधीजी साउथ अफ्रीका में वकील थे. गांधीजी का इतना सम्मान था कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में "सेवा गाँधी दिवस होने लगा". उनिवेर्सित्य ऑफ़ मिचिगन में हर साल "इंडियन अमेरिकेन स्टुडेंट आस्सोकिअतिओन" गाँधी डे रखते है. पिछले साल, गांधीजी के नाम में चार सौ छात्रों स्वयंसेवक करने आये थे. गाँधी जी के कहे हुए रस्ते पर चलकर भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई. कई और नेताएं जो की स्वतंत्रता के लिए लड़े थे उनके खिलाफ थे परन्तु वे हार नहीं माने और धीरे धीरे पुरे भारत में सत्याग्रह मशहूर हुआ और लोग उनके साथ हो गए. गाँधी जी भारत के एक महान पथप्रदर्शक थे और उनके कदमो और हमें उनके कदमो पर चलने की कोशिश करनी चाहिए. गाँधी जी सत्य में एहम विश्वास करते थे और हमेशा सत्य का साथ देते थे. उन्होंने कहा है की भले ही हमारे रास्ते में बाधाएं आये हमें हमेशा हौसला रखकर, आत्मविश्वास के साथ सत्य का साथ देते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए.
मेरा पसिंदिदा स्मारक
मेरा पसिंदिदा स्मारक एफिल टॉवर है. एफिल टॉवर परिस, फ्रांस में है और बहुत प्रसिद्ध स्मारक है. एफिल टॉवर, जो पेरिस में अत्यधिक इमारत है और सारा फ्रांस मैं दूसरी अत्यधिक इमारत है. लाखों लोग हर साल टॉवर को यात्रा करे. १८८९ मैं एफिल टॉवर "दुनिया मेला" के लिए बनाया गया थे. एफिल टॉवर का तीन मंजिल है, और पहला और दूसरा मंजिल पर रेस्तौरंट्स है. पहली और दूसरी मंजिल पर जाने तुम सीढ़ियों ले जा सकते हैं, लेकिन तीसरी मंजिल पर जाने के लिए, आपको elvator ले जाना पड़ा. एफिल टॉवर बहुत अंग्रेजी और हिंदी फिल्म में आते है. रीकन्ट्ली, हिंदी फिल्म "बचके रहना रे बाबा" मैं देख सकते है. १९८०'s मैं प्रेसिडेंट "चार्ल्स दे गुल्ले" ने कहा के एफिल टॉवर पांच - छे साल के लिए मोंत्रेअल, कैनाडा मैं ली जाना था. लोग कहते है के एफिल टॉवर सारे दुनिए मैं सबसे रोमांटिक जगह है. बहुत लड़का वहा उसका गर्लफ्रेंड को प्रोपोसे करते है. मुझे भी लगता है की यह टॉवर सारे दुनिया मैं सबसे रोमांटिक जगह है, मैं वहा पांच साल पहले गयी थी और रात मैं तीसरी मंजिल पर गयी थी और सारा परिस देखि थी -- यह दृष्टि बहुत सुन्दर थी और मुझे फिर जाना और देखना चाहती हु.
मेरा मंपसुन्द स्मारक
मेरा मनपसन्द स्मारक स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी है। स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी न्यू योर्क में है। हर साल मेरा परिवार और मैं न्यू योर्क जाते है। मेरे सग्गे नाना और नानी वहा रहेते है। हर साल जब हम जाते है हम स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी देखते है। मुझे स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी बहुत पसुन्द आता है कुयोकी वह बहुत बड़ा है और हरा रंग का है। वह एके अनोखा नमूना है। फ्रांस ने हमको स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी दिया था बहुत साल पहले। हमको यह तोफा मिला था क्योकि यहाँ हमारा आदाजी का एके नमूना था। उनितेद स्टातेस ने ब्रिटिश को यहाँ से भगाया था और बहुत सारे और युद्ध मैं भी लड़ाई की। हम ने फ्रांस की मदद भी कभी कभी की थी। मुझे वहा जाना बहुत पसुन्द है क्योकि मुझे बहुत अच्छा लगता है। वह अपने आप रहती है और जब मैं वहा जाता हु मैं सुब और चीज़े भुल्जाता हु। जब मैं बड़ा हो जाऊँगा तुब मुझे स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी के पास रहना है तो मैं वहा कभी भी जा सकता हु। वह एके हात में किताब पकडती है। और दुसरे हात में एके टोर्च पकडती है। दोनों चीज़े का कुछ मतलब है। फ्रांस ने अमेरिका को स्ताछु ऑफ़ लिबर्टी दिया था १८८६ में।
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