Monday, 28 November 2011

भूल हुई है

जब मैं चार साल की थी, मुझे भूल हो गयी. मैं और मेरे माता-पिता दिस्नेय्लंद गए थे छुट्टी के लिए.वोह मेरा पहला बार था दिस्नेय्लंद जाने के लिए और मैं बहुत उत्तेजित थी क्योंकि मुझे मिक्की मौसे और रोल्लेर्कोअस्तेर्स पर जाना पसंद थी. हमने पूरा दिन बार सवारी पर गाये और हमने बहुत सारे खाना खाए. जब रात हुई, हमने बाग़ में गाये परदे देखने के लिए. वहां बहुत सारे लोग थे एंड बहुत धूम धाम था. फिर परदे शूरू हुआ और हमने देखने लगे. थोड़े  देर के बाद, मैंने एक मिटाई की दूकान देखि और फिर मुझे मिटाई खाने को मन हुआ. तो मैं दूकान के पास चली गयी. लेकिन चलकर मैंने कुछ और देखा और फिर वहां गयी और फिर कुछ और. थोड़े देर बाद, मैं खो गयी और मुझे नहीं पता था के मैं कहाँ हूँ. तब तक, मेरे माता-पिता ने पहचाना के मैं खो गयी और मेरे लिए दूंदा. कह दोनों पुरे बाग़ को दूंदा मेरे लिए और मुझको नहीं मिला. इस समय में मैं तो भूल से लड़के के गोसल्खाने मैं गयी और वहां बटकर रोई पड़ी. 
फिर एक आदमी ने मेरे माता-पिता को देखर पुछा के क्या वोह अपनी बेटी के लिए दूंद रहा था और उन्हों ने हाँ कहा. उसने कहा के एक छोटी लड़की थी लड़कों के गुसलखाने में और वोह रो रही थी.
मेरे माता-पिता ने पहचाना के वोह छोटी लड़की मैं थी और गुसलखाने में जा कर मुझे मिला. वोह दिन के बाद मैंने अपने माता-पिता से अलग नहीं हुआ.

Sunday, 27 November 2011

An Event in the Store.

मेरे बचपन में एक बहुत शर्मनाक बात हुआ. मैं अपनी माँ के साथ थी. हम लोग एक दुंकन में. हम एक दूकान में थे. वह कौन सी दूकान थी, यह मुझे याद नहीं हैं. शायद वह किसानों का बाजार था या शायद यह एक बड़ी दुकान थी  जैसे कि कोर्गेर है

मेरी माँ को कुछ सब्जियां खरीदनी थीं. इस लिए हम दोनों  दूकान में जा रहे थे. जब हम लोग दूकान के अंदर गये तब मैं दूकान के अंदर रक्खी बहुत सारी चीजें  देखने में लग गयी. दूकान में बहुत सरे  कद्दू थे.  मैं  इतने सारे कद्दू देखकर बहुत खुश हो गयी क्योंकि मुझ को कद्दू की पाए बहुत पसंद थी. मैंने  सोचा  कि  " माँ उन कद्दुओं के साथ बहुत अच्छी पाए बना सकती हैं."  तो तब मैं अपने माँ को कही " माँ देखो!  ये बहुत सुंदार कद्दू है! 

क्या हम को कुछ कद्दू  मिलता चाहिए? कद्दू के साथ हम पाए बनाना चाहिए!" लेकिन जब मैं अपने माँ के लिए देखी वह वहां नहीं थी.

मैं एक औरत देखालेकिन मुझ को उसे नहीं जानता थी. मुझ को बहुत शर्मिंदा था. मैं उसको सारे चीजों कहा था और वो मेरी माँ नहीं थी.  मुझको औरत कही कि " मैं माफी चाहता प्रिय हूँ. मैं तुम्हारे माँ नहीं हूँ. कहाँ तुम्हारे माँ?" तब मैं अपने माँ देखा. मैं उसको कही "हाँ." तब मैं अपने माँ के लिए चल रही थी. मुझको बहुत बहुत शर्मिंदा थी. आब मुझको जानती हूँ कि वहाँ नहीं कोई कारण थी लेकिन तब मैं एक छोटी लड़की थी. 

Wednesday, 23 November 2011

H.W. 18 Vikram Sridhar

एक बार जब मैं चिकागो गया, मैं ने कोई गलतियाँ की. मेरी फ़्लैट ४ बजे शाम में छोड़ गया. लेकिन मैं फ़्लैट पर नहीं था. क्योंकि मैं सिर्फ पंद्रह मिनट छोड़ने के पहले आया. इसलिए समय पर मैं चिकागो आ नहीं सका. पर, मैं दूसरी फ़्लैट पर गया. जब मैं चिकागो आया, तो मैं तक्सी से होटल गया. तक्सी किराया बहुत महंगा था, पचास दोल्लार्स. बजाय, मुझे रेलवे से जाना चाहिए था. क्योंकि चिकागो में रेलवे सिस्टम बहुत अच्छा और सस्ता है. यह मेरी दूसरी गलती थी. नौकरी के लिए इंटरव्यू की वजह से मैं चिकागो गया. इसलिए मैं पहले से ही परेशान था. इन दो गलतियाँ की वजह से मैं ज्यादा परेशान हुआ. तथापि, मैं जल्दी से इन गलतियों के बारे में भूल गयी. तो मैं ने अपने इंटरव्यू पर फोचुस कर सका. सौभाग्य से इस रथ में नेट्वोर्किंग रात्रिभोज ही था. होटल के बाद, मैं कपडे पहनकर रेस्टोरेंट गया. लेकिन, जब मैं ने वहां जाकर, सब लोग सुइट पहने हुए थे. उस समय पर मुझे बुरा लगा. क्योंकि, सिर्फ मैं ने सुइट नहीं पहना. अगले दिन मैं दफ्तर गया. मैंने अपनी पहली दो इंटरव्यू में बहुत अच्छी तरह से किया. लेकिन अपनी तीसरी इंटरव्यू में, मैं ने एक बड़ी गलती किया. क्योंकि, यह केस इंटरव्यू था. केस इंटरव्यू में साधारण इंटरव्यू से अलग-अलग सवाल उन्होंने पूछे. इसलिए मैं काम नहीं मिला. इस के बाद मैं, रेलवे से एअरपोर्ट लौटा. यद्यपि, मैं काम नहीं मिला, यह अच्छा अभ्यास था. अगली बार, मैं सुइट ही पहनूंगा. तब मैं देत्रोइत उड़े.

Gaurav makes mistake

पिछले हफ्ते, मेरी माता ने मुझे खाना पकाने के लिए कहा था क्योंकि वह अपने सहेली कि घर जा रही थी | मुझे बड़ी खुशी हुई कि मुझे खाना बनाने के लिए एक मौका मिला | में मटर पनीर बनाने लगा | एक बर्तन मे, तड़का, पनीर, और गरम मसाला डालकर में गरम करने लगा | उसके साथ, कुछ चावल भी बनाया  और थोड़ी सी रोटी भी बेलकर गर्म किया | जब मेरी माँ, तीन घंटे के बाद, घर आई, तो उनको बहुत भूक लगी थी | और पूछा, "बंटी ! क्या, तू खाना बनाया ? मुझे बहुत भूक लगी है | " मैं बोला, "हाँ माँ, मैं आपकी मन पसंद, मटर पनीर और बासमती चावल बनाया | मुझे यकीन है कि यह आपको बहुत अच्छा लगेगा | तो मैं खाना के लिए, मेज़ पर, पलते, चम्मच लगाकर खाना परोसने लगा | जब हम दोनों शुरू किये, तो तुरंत, खाना अजीब लगा | तो मुझे अचानक याद आया कि मैं मटर पन्नेर में नमक डालना भूल गया | (१५०) मेरी माँ मुझसे बोली कि मैं हर समय जल्दी में रहता हूँ और मुझे शांत होना चाहिए | तब से, जब भी मैं खाना बनाया, तो मैं तुरंत नमक डाल देता हूँ | 

Tuesday, 22 November 2011

भूल हुई है - अवि अमिन

बचपन में मैं ने एक दिन माँ को जन्म दिन भूल गया। माँ बहुत परेशान थी। लेकिन मैं माँ को माफ़ी मांगी और सुब कुछ अच्छा होगा। जब मैं दस साल था, तब मुझ को एक बड़े भूल हुई। मेरी माँ घर पर थी और मेरे पापा काम पर थे। मैं ने एक दिन एक खेल खेला। मैं एक कमरा में गया और माँ को छिपाया। मेरी माँ पूरा दिन खोजा लेकिन मेरी एक गलती थी। मैं सो गया और मैं ने माँ को आवाज़ नहीं सुना। मेरी माँ पोलिसे को फ़ोन किया क्योंकि उसने सोचा कि मैं घर पर नहीं था। जब पोलिसे घर में अन्दर आया तब मैं उता और माँ के पास गया। माँ बहुत नाराज़ थी। यह मेरी भूल थी। जब मैं सोलह साल था तब मुझ को दूसरा भूल हुई। मैं एक दिन स्कूल के लिए देर हो चुकी थी। मैं गाडी से उठकर अन्दर भागा। तीन बजे मैं बाहर गया और मैं ने चाबी निकाला लेकिन चाबी जेब में नहीं थी। मैं गाडी से अन्दर देखा और चाबी अन्दर थी। मैं पापा को फ़ोन किया और पापा ने कहा कि हमारे पास दुसरे चाबी नहीं है। पापा मुझ पर बहुत नाराज़ थे। मैं ने मरम्मत आदमी को फ़ोन किया और उस ने चाबी निकाला। मैं घर आकर पापा के पास गया। पापा कमरे में थे और टी.वी. देख रहे थे। पापा ने कहा कि मैं एक हफ्ता के लिए स्कूल बस से जाऊँगा। मैं अपनी सबक सिखा। और मैं फिर चाबी गाडी के अन्दर नहीं भुला।

kuch bhoolein


मैं सब समय कुछ भूल कर रही हूँ और मैं अब इन गलतियों नहीं गिनती हूँ!  पिछले हफ्ते मेरी सहेली के लिए एक चकालत केक बन रही थी और मैं केक ओवेन में रख दिया था. फिर मैं जाकर टीवी देख रही थी और भूल गयी की केक ओवेन में थे. मुझे केक को केवल याद आया जब ओवेन से बोहुत धुआ निकाल रहा था और मैं एक बुरा बू सुंग पाई.  जब  मैं ओवेन खोला तब मैं देखा की केक पूरा जला गया था. एक और समय बहुत साल पहले, मैंने एक और भूल किया था. जब मैं शिक्षक से बातें कर रहे थे, मैं गलत से उसको माँ बुलाया. मेरी दोस्तों ने बहुत हसाया लेकिन मुझे लगता है की स्कूल में इस गलती बहुत सारे छात्रों करते हैं. फिर जब स्कूल में नाश्ता करने गयी, मैं लाइन पर जा रही थी और भूलकर "फर्श पर पानी है" की संकेत नहीं  देखि और गीड गयी. मेरे चमच, बर्तन, और तरे भी मेरे पास गीड गए. मेरे ज़िन्दगी में बहुत भूलें की, जैसे मैं केक भूल से ओवेन में बहुत रख दिया और केक जल गया, मैं शिक्षक को माँ बुलाया, और में संकेत नहीं देखी और गीड गयी. जब यह सब हुआ तोह मैं बहुत परीशान हुयी, लेकिन अब उस भूलें याद करके मुझको मेरे दोस्तों के साथ हस्ती हूँ. 

नारियल

जब मैं एक छोटी लड़की थी, मैं अपने परिवार के साथ हवाई से गया था. जब हम पहुँचे हम इय्लंद पे घुमे. सभी यात्रा चला गया. हम झरने और ज्वालामुखी और उष्णकटिबंधीय पौधों और जानवरों को देखा. एक दिन हम एक प्रसिद्ध बगीचे में जाकर सभी देखें. इस बगीचे में राजहंस थे. वे गुलाबी उज्ज्वल है और बहुत सुंदर थे. बगीचे में भी नारियल के पेड़ थे.
मेरी बहनों ने मुझे बुलाया पर एक छोटे बैंगनी रंग के फूल गंध. के रूप में मैं नीचे तुला यह गंध, मैं गिर गया. मैंने सोचा कि मेरे पिताजी ने मुझे सिर में लात मारी थी. जब मैं उठी
, मेरा परिवार मेरे साथ खड़ा था. वे बहुत चिंतित देखा. जब मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ उन्होंने मुझे बताया कि एक नारियल मेरे सिर पर गिर गया था. मैं बहुत शर्मिंदा था. मेरी नानी और नाना हमें उपहार की दुकान में शामिल हो गए. हम दुकानदार से पूछा हमें कुछ बर्फ दे. एक बार हम घर्ड़ी में वापस मिल, मेरी बहनों हंसने लगा. उन्होंने सोचा कि यह बहुत हास्यास्पद है कि कैसे एक नारियल मेरे सिर पर गिर गया था. जब भी मैं इस कहानी बताओ, मेरे परिवार को हंसते हुए और मेरे पिता का कहना है कि यह नारियल है कि मुझे इतना मूर्ख बनाया था.