"अर्लिंग्तों नेशनल समेतारी" सैन्य कब्रिस्तान "अर्लिंग्तों विरगिनिया" में है. "उनितेद स्टातेस" सरकार "अर्लिंग्तों" "अमेरिकेन" गृहयुद्ध में बनाया क्यों की अमेरिकेन सेनापति "रोबेर्ट ई ली" "कांफेदेराते" सरकार मिलाया और उस के "उनितेद स्टातेस" लड़ा. तो "उ.स." सरकार उस का भूमि चुराया. अमेरिकेन सैनिक गृहयुद्ध, "कोरीअन" युद्ध, "विएतनाम" युद्ध, "इराक" युद्ध, युद्ध अफ्घनिस्तान में, और दुनिया युद्ध एक और दो" से कब्रिस्तान में दफन है. गृहयुद्ध के बाद "ली" का परिवार ने "उ.स." सरकार नालिश किया और उन ने वह मुकदमा जीता लेकिन "ली" के बेटे से "उ.स." सरकार ने वह भूमि खरीदा. अब "अर्लिंग्तों नेशनल समेतारी" बहुत मशहूर "उ.स." में है. एक चीज़ अर्लिंग्तों में सबसे मशहूर है: अज्ञात सैनिक का मकबरा. वहां अज्ञात सैनिक एक मकबरे में दफन है. कुछ सभापति अर्लिंग्तों में दफन है. "जॉन फ केन्नेद्य" और उस का परिवार अर्लिंग्तों में दफन हैं. वह बहुत स्मारक भी है. मेरा मनपसंद स्मारक "चल्लेंगेर आपदा" है. "चल्लेंगेर" अंतरिक्ष यान था लेकिन वह १९८६ में विस्फोट किया. सात "अस्त्रोनौट्स" मरे. मुझ को "अस्त्रोनौट्स" सबसे अच्छे लोग है तो मुझ को वह स्मारक सबसे उदास है. अब मकबरे पर एक मृत सैनिक का परिवार ३९ धार्मिक प्रतीक से चुन सकते हैं. ॐ हिन्दुस के लिए एक विकल्प है और "धर्मं व्हील" बौद्ध के लिए एक विकल्प है. हर दिन अमेरिकेन सैन्य लगभाग तीस सैनिक दुफनाता है तो हर साल लगभग सात हज़ार दफन हैं. एक सैनिक के लिए दफन अर्लिंग्तों में आदर है क्यों कि कई आवश्यकते दफन के लिए है. कें कुछ सैनिक मकबरा अर्लिंग्तों में नहीं चाहते हैं.
Sunday, 22 January 2012
ग्रेट वाल
एक दिन मैं चीन का ग्रेट वाल देखनी चाहती हूँ. मैंने ग्रेट वाल के बारे में बहुत कुछ सुना है, इसीलिए मुझे बहुत ख़ुशी आयेगी अगर मैं ग्रेट वाल देख सकू. ग्रेट वाल चीन में है और काफी साल पहले बनी थी. ग्रेट वाल इसीलिए बनी थी क्योंकि चीन में बहुत अलग और विदेश लोग आ रहे थे. तोह यह वाल एक बोर्डर के जैसे था, और अगर लोग चीन में आना चाहते थे उनको पहले वाल पर चरकर आना था. यह करना बिल्कुल ही असान नहीं था क्योंकि वाल पर भी सेचुरिटी गुँर्ड्स थे. ग्रेट वाल सबसे लम्बा वाल है दुनिया में. उसकी लम्बाई लगभग ९००० किलोमीटर है और उसकी ऊंचाई कुछ ५०० मीटर है. जब ग्रेट वाल बन रही थी, इंटों नहीं थे तो पहले धरती, पत्थर और लकड़ी से बनी थी. लेकिन कुछ सालो बाद, लोग इंटों को इस्तमाल करने लगे ताकि ग्रेट वाल और भी मजबूत हो जाये. आज कल ग्रेट वाल इतनी बड़ी टूरिस्ट की जगह बन गई और साल में बहुत सरे लोग जाते है. मेरे ख्याल से लोग पूरा वाल नहीं चल सकते है क्योंकि बहुत ही लम्बा है. आज कल लोग भी कहते है की कई कई जगह पर वाल टूटने लगी है. इन जगह पर किसको भी नहीं मरम्मत करनी है क्योंकि दुसरे जगह पर वाल ख़राब हो सकती है. एक दिन मुझे भी यह टूरिस्ट बनकर ग्रेट वाल देखनी चाहती हूँ. मुझे यकीन ही नहीं होती है की एक इतनी लम्बी वाल कौन और कैसे बनता जाता है.
Saturday, 21 January 2012
Monument arpit
मैं ग्रेट प्य्रामिद ऑफ़ गिज़ा जाना चाहता हूँ. ग्रेट प्य्रामिद एग्य्प्त में है. ग्रेट प्य्रामिद सबसे पुराना और बड़ा प्य्रामिद है. प्य्रामिद सबसे पुराना सात वोंदरस ऑफ़ थे अन्किएन्त वर्ल्ड है. वह २५४०-२५६० BC में बना गया था. उसकी उचाई १४६.5 मेतेर्स है. उसका बसे २३०.४ मेतेर्स है. प्य्रामिद २,३००,००० ब्लोच्क्स ऑफ़ स्तोने से बना गया था. ३८०० साल के लिए प्य्रामिद दुनिया का सबसे उचा ईमारत था. लोग कहते है कि प्य्रामिद चाँद से भी दिखाय सकते है. वैज्ञानिकों कहते है कि हम आज प्य्रामिद बना नहीं सकते है. प्य्रामिद बनाना बहुत मुस्किल था. प्य्रामिद बना के लिए २०,००० से ३०००० लोग कि जरूरत थी. प्य्रामिद बनाने के लिए बीस साल लगा. इतिहासकारों मानते है कि प्य्रामिद चौथा राजवंस फरोफ खुफु के लिए बना गया था. उसकी समाधि थी. हेमों प्य्रामिद का वास्तुकार था. प्य्रामिद में तीन कक्षों हैं. प्य्रामिद में रानी और राजा का कक्षों भी हैं. प्य्रामिद में खुफु के लिए मंदीर भी है. प्य्रामिद के बारे में बहुत मीठस हैं. एक मीठ है कि प्य्रामिद में खजाना है और मम्मी भी है. प्य्रामिद बहुत मशहूर है. दुनिया से सब लोग देखने कि लिए आते है.
स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी
मैं कई स्मारक देखना चाहती हूँ । हर देश में अच्छे स्मारक होते है । लेकिन एक स्मारक जो मैं देखना चाहती हूँ वह अमेरिका में ही है । यह स्मारक न्यू योर्क में है । इस का नाम स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी है । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक प्रतिमा है । यह बहुत खूबसूरत है तो मैं इस को देखना चाहती हूँ । शायद मैं गर्मियों की छुट्टियों में वहां जाऊं । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी बहुत बड़ा है । उस का रंग हरा है । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक औरत की प्रतिमा है । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी झील के पास नहीं है । वह समुद्र के पास है । शायद वहां ठंड हो समुद्र के वजह से । आप स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी के उपर जा सकते हो । मैं यह करना चाहती हूँ क्योंकि वहां दृश्य अच्चा होगा । मुझे न्यू योर्क की यात्रा करनी चाहिए । फ्रेडेरिक बर्थोली ने स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी को बनाया था और अक्टूबर २८, १८८६ में फ्रांस ने अमेरिका को स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी दिया था । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक तोफा था । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी के एक हाथ में एक मशाल है । दुसरे हाथ में एक किताब है । इस किताब पर अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस की तारीख लिखी है । यह तारीख जुलाई ४, १७७६ है । यह अमेरिका के लिए एक ख़ुशी का दिन था । टूटी हूई ज़ंजीर उस के पैर के पास है क्योंकि अमेरिका ब्रिटेन से आज़ाद हूआ था । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी को बनाने के लिए बहुत पैसे लगे थे । कभी-कभी लोगों को लगता था कि स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी नहीं बनेगी क्योंकि पैसे कम पड़ते थे । फिर भी कैसे भी करके स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी बन गयी । यह एक गर्व कि बात है फ्रांस और अमेरिका के लिए क्योंकि फ्रांस ने स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी बनायीं थी और अमेरिका के लोग उससे प्यार करता है । अमेरिका के लोग उससे प्यार करते है क्योंकि वोह आज़ादी का प्रतीक है ।
Friday, 20 January 2012
बुर्ज खलीफा

मेरी खुश किस्मती है की मुझे बहुत साड़ी जगा घूमने की मौका मिल गयी | इसी तरह मुझे बुर्ज खलीफा जाना है क्योंकि मैं कभी नहीं दुबई गयी हूँ और मुझे दुनिया की सब्सी लम्बी इमारत देखने का मौका चाहिए | यह इमारत आठ सौ अत्तीस मीटर्स लम्बा है, सबसे ऊपर वाला कमरा को पौंचने के लिए आपको सबसे ऊपर चलने वाला एलेवाटर लेना परेगा | मुझे यह इमारत देखना है क्योंकि मैं हमेशा पुरानी इमारते देखती हूँ और हाँ वे ठीक हैं पर नया इमारतें देखने का मज्जा ही कुछ और है | सोचो कितना समय और तयारी करना पर्दा रूप खीचना करने के लिए | बुर्ज खलीफा एक फूल की सुन्दरता से प्रेरित हुआ | इसके अन्दर बहुत साड़ी दफ्तर हैं बारे-बारे कोम्पन्यों के और कुछ लोग भी रहते हैं नीचे वाले मंजिल में, सोचो कितना पैसा देना पड़ेगा इतनी सुंदर, लम्बी इमारत में रहने के लिए | यह "बुर्ज खलीफा" कहलाह जाता है क्योंकि वेह बनाया गया था एक चिकागो कंपनी से दो हज़ार चार में राष्ट्रपति खलीफा बिन ज़ायेद अल नहयान के लिए | देखते हैं कभी मुझे मौका मिलेगा मैं ज़रूर बुर्ज खलीफा देकने दुबई जाऊंगी |
Thursday, 19 January 2012
प्य्रामिदों - रीना जोशी
मुझे मिस्र जाना है और प्य्रामिदों देखना चाहती हूँ. ये प्य्रामिदों दुनिया के सात आश्चर्य में से एक है. प्य्रामिदों सुन्दर है और एक नहीं है लेकिन एक सौ तीस आठ है. ये प्य्रामिदों बहुत पुराना और बड़ा है.प्य्रामिदों बनगए देश के फैरो के लिए, तब जैसे. इन प्य्रामिदों पुराने और मध्यम राज्म में बनया गया. ये प्य्रामिदों नौकरों ने बनवाया.मिस्र एक रेगिस्तान है और उदर दिन में बहुत गर्मी होता है और रत में बहतु ठंड होता है. जब मैं छोटी थी मेरी माँ को मुझे मिस्र लेनी चाहती थी लेकिन फुरसत नहीं मिली. अब मैं बड़ी हूँ और मुझको मिस्र जाना है लेकिन मेरे पास पैसे नहीं है. मिस्रसरकारी को समस्याओ है लेकिन देश का इतिहास बड़ा और खुबसूरत है. मिस्र में जुर्म और लुटाना होता है. हर देश में ये होता है लेकिन मिस्र बड़ा टूरिस्ट जगह है इसे लिए बहुत जुर्म है. मिस्र अफ्रीका में है. मिस्र का कपिटल क्य्रो है. क्य्रो के गावों में प्य्रामिदों है. मिस्र में अरबिक बोलते है. अरबिक मुश्किल बाशा है लेकिन बहुत सुन्दर. ये प्य्रामिदों रेट से बना गया. ये रेट में बहुत शक्ति है क्योंकि हर मौसम में ये प्य्रामिदों सीदा खड़े रहते है. प्य्रामिदों के रंग भूरा है और वे हल्लो है. मिस्र काला सागर के पास है. अमेरिका से मिस्र बहुत दूर है लेकिन भारत से कम दूर. प्य्रामिदों मिस्र के जान है उसके बिना मिस्र कुछ भी नहीं है. जब मेरे दादा जवान आदमी थे उन्होंने मिस्र में रहते थे. उसको बहुत पसंद आया.
रीना जोशी
Wednesday, 18 January 2012
कैन्यन दे शे राष्ट्रीय स्मारक
कैन्यन दे शे राष्ट्रिय स्मारक अरिजोना स्टेट में है. १९३१ को अध्यक्ष हर्बर्ट हूवर ने यह स्मारक बनाना क्यूंकि उसको चाहिए कि जगह जहाँ नावाहो (एक देशी अमेरिकी की जनजाति) रक्षा करना था... ४००० साल के लिए उन लोगों अरिजोना में रहते थे! स्मारक के पास ८४,००० एकड़ जमीन है, और वहां ४० देशी परिवार अभी भी रह रहे हैं. नावाहो लोग कहते है कि अपने नाम "दिनेह" है. नावाहो का भाषा में यह शब्द "लोग" मतलब है.
मेरा बचपन में मेरी माँ और मैंने नया मेक्सिको को जाई. वहां, वह मुझको दिखाई कि अभी भी नावाहो औरतें अपने हाथ के साथ टोकरी बनती हैं. सुबह में, वे औरतें मकई पीसती हैं चपाती बनाना. वे कपड़े बुनती है, और सूर्य के तहत वे मिट्टी की ईंटों रूप देती हैं. उनके पास बहुत काम करती हैं. (१३५)
लेकिन मैं कभी नहीं नावाहो अरिजोना में देखती हूँ. शायद वे लोग अलग ढंग से व्यवहार करते हैं. शायद वे दूकान से चपाती खरीदते हैं और उनके कपड़े खुद नहीं बनाते हैं. मुझे मालूम नहीं. तथापि मुझको ही मालूम है कि यह महत्त्वपूर्ण है कि मैं देशी लोगों से सीखती हूँ. मेरे पिता कि वजह से मैं भी देशी हूँ. मेरे पिता के जनजातियों "चेरोकी" और "चिपवा" हैं. लेकिन लगभग सब चेरोकी और चिपेवा लोग ने मर गए हैं. तो अरिजोना में मैं नावाहो देशी लोगों को मिलूंगी.
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