Sunday, 22 January 2012

एफिल टॉवर

मैं फ्रांस जाकर एफिल टॉवर देखना चाहती हूँ. यह मान्युमिंट पैरिस में है. हर कोई जिसने  पैरिस के बारे में सुना है को एफिल टॉवर का मालूम है.अगर मैं कभी फ्रांस गयी थो मैं ज़रूर परिस जाउंगी और ज़रूर एफिल टॉवर कम से कम देखूंगी, अगर में उसके ऊपर चढ़ नहीं सकती.  यह मान्युमिंट १८८९ में बना था, और २ साल और २ महीने लगे थे बनाने में. ४१ साल थक दुनिया की सबसे लम्बी ईमारत थी १९३० थक जब करईस्लर ईमारत न्यू योर्क में बनी गयी. पर १९५१ में अन्तेंना लगाकर यह करईस्लर ईमारत से लम्बी है. यह ३२४ मीटर लम्बी है, और १६६० से भी ज्यादा सीडियां है. अगर यह अभी भी बड़ी नहीं लगती, यह टॉवर १०,१०० टन भरी है! एफिल टॉवर बनी थी बहुत कारणों के लिए. एक कारण था फ्रेंच रेवोलुशन की सौ एनिवर्सरी  के लिए "वर्ल्ड एक्स्हिबिशन" के लिए बनी थी. लेकिन जब बनी जा रही थी, बहुत लोगों को नहीं पसंद आई, क्यूंकि यह एक ज्यादा सुन्दर मान्युमिंट नहीं थी. उन्होंने सोचा की रेवोलुशन के याद में पैरिस को और सुन्दर बनाना चाहिए. इसके बीस साल  बनने के बाद, लोगों ने तोर्द्ने की योजना की. पर क्योंकि यह रेडियो के लिए महत्वपूर्ण थअ. साईंस के लिए एफिल टॉवर की ज़रुरत भी थी. खैर,  एफिल टॉवर बहुत कारणों के लिए मशहूर है, सिर्फ साईंस और इतिहास के लिए नहीं. हर कोई आदमी जो फ्रांस जाता है कम से कम फिल टॉवर देखता है- यह बहुत परदेसियों और टूरिस्ट्स की नज़रों को खिंच्थी है. 

एफिल टॉवर - Nikita Gopalan


एफिल टॉवर दुनिया में से एक सातवें अझूबा है। वह दुनिया में सबसे दौरा किया स्मारक है। यह पेरिस,जो फ्रांस की राजधानी शहर में सबसे बड़ा इमारत है। एफिल टॉवर १०६३ फुट लंबा है। यह टॉवर लोहे से बना है और सीन नदी के तट पर स्थित है। गुस्ताव एफिल ने १८८७ और १८८९ के बीच में बनाया था। एफिल टॉवर में १६६५ सीढ़ियों हैं वहाँ भी एक लिफ्ट है जो उप्पर तक जाता है और एफिल टॉवर में एक सौ आठ मंजिले है और यह टॉवर गुस्ताव एफिल के बाद नामित किया गया था। यह दुनिया के मेले के लिए बनाया गया था। जब मैं छोटी थी, मै पेरिस और एफिल टॉवर जाना चाहती थी। जब मैं १६ साल कि थी, मैं यूरोप के आसपास यात्रा के लिए गयी। मुझे पेरिस से प्यार हो गया,क्योंकि वह शहर बहुत सुंदर है और एफिल टॉवर उसे और भी बेहतर बनाता है। एफिल टॉवर को बनाने के लिए तीन सौ काम करने लोग लगे। इन लोगों ने १८०३८ लोहे की टुकड़े को एक साथ रखकर बनाइ। स्तव में एक आदमी एफिल टॉवर के निर्माण से मृत्यु हो गईएफिल टॉवर में दो रेस्तरां है, एक पहली मंजिल पर और दूसरी वाली दूसरी मंजिल पर। बीसवीं सदी की शुरुआत से, टॉवर रेडियो प्रसारण के लिए इस्तेमाल किया गया है। एफिल टॉवर का दौरा किए बिना कोई पेरिस की यात्रा कर नही सकते हैं। ऊपर से दृश्य बहुत सुंदर है। आप शहर के सभी कोनों को देख सकते हैं

च्रिस्ट थे रेदीमेर



दुनिया में कई स्मारकों हैं कि मुझे देखना चहाती हैमेरा मनपसंद स्मारक का नाम च्रिस्ट थे रेदीमेर है. यह जेसुस च्रिस्ट की एक प्रतिमा है. इस प्रतिमा रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील में स्थित है. रियो डी जनेरियो एक बहुत बड़ा और सुंदर शहरहै. यह देश ब्राजील में दूसरा सबसे बड़ा शहर है. रियो डी जनेरियो अटलांटिक समुद्र  के पास है. च्रिस्ट थे रेदीमेर  दुनिया में पांचवां जेसुस च्रिस्ट की सबसे बड़ी प्रतिमा हैयह 1922 और 1931 के बीच बनाया गया थादुनिया भर में, यह शांति के प्रतीक जाना जाता हैयह नौ साल लग गए प्रतिमा का निर्माणयह ठोस और सोअप्स्तोने के साथ बनाया गया थायह लगभग तीन लाख डॉलर की लागत का निर्माण करने के लिएस्मारक 12 अक्टूबर, 1931 को खोला गया था2006 में, एक चर्च प्रतिमा के सामने में बनाया गया था.इस वजह से, वहाँ प्रतिमा के पास शादियों और बपतिस्म जा सकता हैयह फरवरी 2008 पर बिजली द्वारा मारा गया था.उँगलियाँ, सिर, और भौंहोंको नुकसान था.  यह हाल ही में दुनिया के नए सात आश्चर्यों में से एक नामित किया गया था. च्रिस्ट थे रेदीमेर कई फिल्मों और पुस्तकों में दिखाया हैप्रतिमा 2012 फिल्म में है जहां यह टूट जाता है और नीचे पहाड़ गिर जाता हैबहुत से लोग इस दृश्य पसंद नहीं है. यह भी फिल्मों रियो और फास्ट फैव में दिखाया है

अर्लिंग्तों कब्रिस्तान

 "अर्लिंग्तों नेशनल समेतारी" सैन्य कब्रिस्तान "अर्लिंग्तों विरगिनिया" में है.  "उनितेद स्टातेस" सरकार "अर्लिंग्तों" "अमेरिकेन" गृहयुद्ध में बनाया क्यों की अमेरिकेन सेनापति "रोबेर्ट ई ली" "कांफेदेराते" सरकार मिलाया और उस के "उनितेद स्टातेस" लड़ा.  तो "उ.स." सरकार उस का भूमि चुराया.  अमेरिकेन सैनिक गृहयुद्ध, "कोरीअन" युद्ध, "विएतनाम" युद्ध, "इराक" युद्ध, युद्ध अफ्घनिस्तान में, और दुनिया युद्ध एक और दो" से कब्रिस्तान में दफन है.  गृहयुद्ध के बाद "ली" का परिवार ने "उ.स." सरकार नालिश किया और उन ने वह मुकदमा जीता लेकिन "ली" के बेटे से "उ.स." सरकार ने वह भूमि खरीदा.  अब "अर्लिंग्तों नेशनल समेतारी" बहुत मशहूर "उ.स." में है.  एक चीज़ अर्लिंग्तों में सबसे मशहूर है: अज्ञात सैनिक का मकबरा.  वहां अज्ञात सैनिक एक मकबरे में दफन है.  कुछ सभापति अर्लिंग्तों में दफन है.  "जॉन फ केन्नेद्य" और उस का परिवार अर्लिंग्तों में दफन हैं.  वह बहुत स्मारक भी है.  मेरा मनपसंद स्मारक "चल्लेंगेर आपदा" है.  "चल्लेंगेर" अंतरिक्ष यान था लेकिन वह १९८६ में विस्फोट किया.  सात "अस्त्रोनौट्स" मरे.  मुझ को "अस्त्रोनौट्स" सबसे अच्छे लोग है तो मुझ को वह स्मारक सबसे उदास है.  अब मकबरे पर एक मृत सैनिक का परिवार ३९ धार्मिक प्रतीक से चुन सकते हैं.  ॐ हिन्दुस के लिए एक विकल्प है और "धर्मं व्हील" बौद्ध के लिए एक विकल्प है.  हर दिन अमेरिकेन सैन्य लगभाग तीस सैनिक दुफनाता है तो हर साल लगभग सात हज़ार दफन हैं.  एक सैनिक के लिए दफन अर्लिंग्तों में आदर है क्यों कि कई आवश्यकते दफन के लिए है.  कें कुछ सैनिक मकबरा अर्लिंग्तों में नहीं चाहते हैं.

ग्रेट वाल

एक दिन मैं चीन का ग्रेट वाल देखनी चाहती हूँ. मैंने ग्रेट वाल के बारे में बहुत कुछ सुना है, इसीलिए मुझे बहुत ख़ुशी आयेगी अगर मैं ग्रेट वाल देख सकू. ग्रेट वाल चीन में है और काफी साल पहले बनी थी. ग्रेट वाल इसीलिए बनी थी क्योंकि चीन में बहुत अलग और विदेश लोग आ रहे थे. तोह यह वाल एक बोर्डर के जैसे था, और अगर लोग चीन में आना चाहते थे उनको पहले वाल पर चरकर आना था. यह करना बिल्कुल ही असान नहीं था क्योंकि वाल पर भी सेचुरिटी गुँर्ड्स थे. ग्रेट वाल सबसे लम्बा वाल है दुनिया में. उसकी लम्बाई लगभग ९००० किलोमीटर है और उसकी ऊंचाई कुछ ५०० मीटर है. जब ग्रेट वाल बन रही थी, इंटों नहीं थे तो पहले धरती, पत्थर और लकड़ी से बनी थी. लेकिन कुछ सालो बाद, लोग इंटों को इस्तमाल करने लगे ताकि ग्रेट वाल और भी मजबूत हो जाये. आज कल ग्रेट वाल इतनी बड़ी टूरिस्ट की जगह बन गई और साल में बहुत सरे लोग जाते है. मेरे ख्याल से लोग पूरा वाल नहीं चल सकते है क्योंकि बहुत ही लम्बा है. आज कल लोग भी कहते है की कई कई जगह पर वाल टूटने लगी है. इन जगह पर किसको भी नहीं मरम्मत करनी है क्योंकि दुसरे जगह पर वाल ख़राब हो सकती है. एक दिन मुझे भी यह टूरिस्ट बनकर ग्रेट वाल देखनी चाहती हूँ. मुझे यकीन ही नहीं होती है की एक इतनी लम्बी वाल कौन और कैसे बनता जाता है. 

Saturday, 21 January 2012

Monument arpit

मैं  ग्रेट प्य्रामिद ऑफ़ गिज़ा जाना चाहता हूँ. ग्रेट प्य्रामिद एग्य्प्त में है. ग्रेट प्य्रामिद सबसे पुराना और बड़ा प्य्रामिद है. प्य्रामिद सबसे पुराना सात वोंदरस ऑफ़ थे अन्किएन्त वर्ल्ड है. वह २५४०-२५६० BC में बना गया था. उसकी उचाई १४६.5 मेतेर्स है. उसका बसे २३०.४ मेतेर्स है. प्य्रामिद २,३००,००० ब्लोच्क्स ऑफ़ स्तोने से बना गया था. ३८०० साल के लिए प्य्रामिद दुनिया का सबसे उचा ईमारत था. लोग कहते है कि प्य्रामिद चाँद से भी दिखाय सकते है. वैज्ञानिकों कहते है कि हम आज प्य्रामिद बना नहीं सकते है. प्य्रामिद बनाना बहुत मुस्किल था. प्य्रामिद बना के लिए २०,००० से ३०००० लोग कि जरूरत थी.  प्य्रामिद बनाने के लिए बीस साल लगा. इतिहासकारों मानते है कि प्य्रामिद चौथा राजवंस फरोफ खुफु के लिए बना गया था. उसकी समाधि थी. हेमों प्य्रामिद का वास्तुकार था. प्य्रामिद में तीन कक्षों हैं.  प्य्रामिद में रानी और राजा का कक्षों भी हैं. प्य्रामिद में खुफु के लिए मंदीर भी है. प्य्रामिद के बारे में बहुत मीठस हैं. एक मीठ है कि प्य्रामिद में खजाना है और मम्मी भी है. प्य्रामिद बहुत मशहूर है. दुनिया से सब लोग देखने कि लिए आते है. 

स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी

मैं कई स्मारक देखना चाहती हूँ । हर देश में अच्छे स्मारक होते है । लेकिन एक स्मारक जो मैं देखना चाहती हूँ वह अमेरिका में ही है । यह स्मारक न्यू योर्क में है । इस का नाम स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी है । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक प्रतिमा है । यह बहुत खूबसूरत है तो मैं इस को देखना चाहती हूँ । शायद मैं गर्मियों की छुट्टियों में वहां जाऊं । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी बहुत बड़ा है । उस का रंग हरा है । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक औरत की प्रतिमा है । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी झील के पास नहीं है । वह समुद्र के पास है । शायद वहां ठंड हो समुद्र के वजह से । आप स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी के उपर जा सकते हो ।  मैं यह करना चाहती हूँ क्योंकि वहां दृश्य अच्चा होगा । मुझे न्यू योर्क की यात्रा करनी चाहिए । फ्रेडेरिक बर्थोली ने स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी को बनाया था और अक्टूबर २८, १८८६ में फ्रांस ने अमेरिका को स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी दिया था । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी एक तोफा था । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी के एक  हाथ में एक मशाल है । दुसरे हाथ में एक किताब है । इस किताब पर अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस की तारीख लिखी है । यह तारीख जुलाई ४, १७७६ है । यह अमेरिका के लिए एक ख़ुशी का दिन था । टूटी हूई ज़ंजीर उस के पैर के पास है क्योंकि अमेरिका ब्रिटेन से आज़ाद हूआ था । स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी को बनाने के लिए बहुत पैसे लगे थे । कभी-कभी लोगों को लगता था कि स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी नहीं बनेगी क्योंकि पैसे कम पड़ते थे । फिर भी कैसे भी करके स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी बन गयी । यह एक गर्व कि बात है फ्रांस और अमेरिका के लिए क्योंकि फ्रांस ने स्तातुए ऑफ़ लिबर्टी बनायीं थी और अमेरिका के लोग उससे प्यार करता है । अमेरिका के लोग उससे प्यार करते है क्योंकि वोह आज़ादी का प्रतीक है ।