Monday, 5 December 2011

क्या मुझसे कभी कोई भूल हुई है?

क्या मुझसे कभी कोई भूल हुई है?  हाँ, सब लोगों से भूल हुई है, और मुझ से भी|  एक दिन दो महीने पहले मैं अपनी प्रोफेसर से मिली|  हम एक हिन्दुस्तानी मानवविज्ञान की किताब के बारे में बात कर रही थीं|  उस किताब में "रेस" के बारे में लिखा गया था|  मेरी प्रोफेसर ने कहा कि अपनी क्लास में एक दिन पहले उन्होंने "रेस" के बारे में बात किये थे|  इस लिए मेरी प्रोफेसर अपनी क्लास को एक ई-मेल भेजी जिस में दो फाइलें "रेस" के बारे में थीं|  मेरी प्रोफेसर ने कहा कि वह मुझे यह ई-मेल भेजेगी|  जब मैं ने पहली फ़ाइल को देखा, तब मैं ने देखा कि इस में कुछ "रेफ्रेंसेज़" रेस के बारे में थे|  दूसरी फ़ाइल में भी कुछ रेफ्रेंसेज़ थे और उन के बाद तीन पैराग्राफ थे|  एक पाराग्राफ में लिखा गया था कि "क्यों कि मैं जेम्ज़, संतायाना, और रोय्स का छात्र/छात्रा था/था..."|  मैं ने सोचा कि अपनी प्रोफेसर ने यह पैराग्राफ लिखा|  क्या हो सकता है कि मेरी प्रोफ़ेसर ये मशहूर प्रोफेसोरों कि छात्रा थी?  मैं ने "विकीपीडिया" पर पढ़ा कि प्रोफ़ेसर संतायाना हार्वर्ड में पढ़ाता था|  मेरी प्रोफ़ेसर हार्वर्ड में लगभग १९५० पढ़ती थी|  संतायाना १९५२ मर गया तो मैं ने सोचा कि यह बात सच है|  मैं ने अपनी प्रोफ़ेसर को एक ई-मेल लिखा कि "क्यों आप ने इस से पहले मुझे इस के बारे में नहीं कहा? क्या मुझे अपनी प्रोफ़ेसर इंटरव्यू करना चाहिए?!" एक दिन बाद, मैं विकीपीडिया पर जेम्ज़ और रोय्स के बारे में पढ़ रही थी|  विल्यम जेम्ज़ १९१० में मर गया और जोजाया रोय्स १९१६ में मर गया|  वह पैराग्राफ मेरी प्रोफ़ेसर से नहीं लिखा गया, लेकिन दाबलयू-ई-बी- दुबोय्ज़ से लिखा गया| रवीन्द्रनाथ त्यागी जी कि तरह उस रात को शर्म के  मारे नींद नहीं आई|

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